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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विशेष न्यायालय पोक्सो कोर्ट संख्या-2 के न्यायाधीश अमित सहलोत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अभियुक्त को अपहरण और दुष्कर्म का दोषी माना। साथ ही उस पर 28 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ के विशेष लोक अभियोजक अफजल मोहम्मद शेख ने बताया कि 15 सितंबर 2019 को पीड़िता की मां ने थाना मंगलवाड़ में एक मामला दर्ज करवाया था। इसमें बताया की प्रार्थिया की 16 साल की पुत्री रोज की तरह खाना खाकर रात को सो गई थी। सुबह जब मां चार बजे उठी तो बेटी पर बिस्तर पर नहीं थी। मोबाइल भी कमरे में पड़ा हुआ था। जब मोबाइल देखा तो उसमें किसी पुठोली निवासी रौनक उर्फ शाहरुख पुत्र शरीफ पठान का मैसेज था। रौनक उर्फ शाहरुख के बारे में पता किया तो वह भी घर पर नहीं मिला। प्रार्थिया ने इस आरोपी पर अपहरण का आरोप लगाया था। मंगलवाड थाना पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की। पुलिस तीन दिनों में ही अभियुक्त शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया और जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की और से न्यायालय में 14 गवाह और 28 दस्तावेज पेश किए गए। दोनों पक्षों सुनवाई के बाद पोक्सो कोर्ट संख्या-2 के पीठासीन अधिकारी अमित सहलोत ने शाहरुख को दोषी माना। उन्होंने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई। साथ ही 28 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। साथ ही यह राशि पीड़िता को देने का आदेश भी दिया।