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चित्तौड़ के बेटे को क्या सबक सिखाएंगे, चितौड़गढ़ की जनता सिखाएगी सबक
सीधा सवाल। चितौड़गढ़। भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी के बयानों पर पलटवार करते हुए विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने उन पर तीखा प्रहार किया है।
राजवी के बयान जिसमे उन्होंने आक्या को सबक सिखाने की बात कही उस पर कटाक्ष करते हुए आक्या ने कहा कि राजवी भूल रहे हैं कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है जनता के अलावा कोई सबक नहीं सीखा सकता। लोगों में पूछ उसी की होती है जो लगातार सक्रिय रह कर लोगों की कद्र करना जानता है। चित्तौड़ की जनता भी उन्हें अच्छे से सबक सिखाकर ही भेजेगी।
स्थानीयता के मुद्दे पर आक्या ने कहा कि राजवी राजस्थान के अकेले प्रत्याशी है, जो टिकट मिलने पर भी दस दिन तक अपने विधानसभा क्षेत्र में नहीं पहुंच पाएं। आखिर ऐसा प्रत्याशी विधानसभा वासियों के सुख दुख में कब भाग कर आएगा? इससे पहले भी पंद्रह साल तक उन्हें सांवरा सेठ के भक्तो की याद नहीं आई पर सांवरा सेठ भी अपने नकली भक्तो को अच्छे से पहचानता है। सत्ता की कुंभकर्णी नींद में सोना और फिर जागकर प्रलाप करना राजवी की पुरानी आदत है। जयपुर के विद्याधर नगर से टिकट कटने पर ये प्रलाप प्रदेश की जनता देख चुकी है।
राजवी ने किया मेवाड़ का अपमान
राजवी के खुद को रेगिस्तान का बताते हुए ऊंट की पूंछ को 20 साल तक पकड़े रखने के बयान को विधायक आक्या ने मेवाड़ की वीर जनता का अपमान बताया है। उन्होंने कहा की मेवाड़ की वीर जनता को ऊंट की पूछ बता कर आगामी 5 साल और पकड़े रखने ही राजवी की सोच शर्मनाक है। मेवाड़ महाराणा प्रताप वंशीय वीरों की भूमि है और राजवी की ताकत नही की वो यहां के शेरों की पूछ भी पकड़ सके।
मुकाबले में कौन है जनता जानती है
राजवी के जीत के दावों और उन्हें मुकाबले से बाहर होने की बात पर आक्या ने कहा कि राजवी को अच्छी तरह पता है कि वे यहां तीसरे नंबर की लड़ाई के लिए आए है और इस बार यहां से अपनी जमानत भी नही बचा पाएंगे। थोड़ी सी भी समझदारी उनमें है तो उन्हें पार्टी को वस्तुस्थिति बता देनी चाहिए, उन्हें मेरी सद्बुद्धि की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। पार्टी के प्रति खोखली प्रतिबद्धता
आक्या ने राजवी की भाजपा के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि जयपुर से उनका टिकट कटा तो पहले ही दिन जयपुर राजपरिवार को मुगल हितैषी बता पार्टी पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया था। टिकट के चक्कर में जयपुर राजपरिवार के पुरखों व भाजपा तक को भला बुरा कहने से नहीं चूके। राजवी अपने इस बयान से मुकरने से पहले उस वीडियो को एक बार फिर देख ले जो सार्वजनिक रूप से मौजूद है। भाजपा के कथित अनुशासित सिपाही होने के उनके जूठे दावों की पोल सबके सामने खुल चुकी है। दबाव की राजनीति से जनता के दिलो में जगह नहीं बनती।