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संत अनुज दासजी महामण्डलेश्वर की उपाधि से अलंकृत

सीधा सवाल। कपासन। यूपी के प्रयागराज में मेवाड़ क्षेत्र की धर्म-ध्वजा को सर्वोच्च शिखर पर स्थापित कर मेवाड़ महामण्डलेश्वर श्री चेतनदासजी महाराज पुनः अपने आश्रम आगमन पर सनातन धर्म प्रेमियों ने भव्य अभिनंदन किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बसन्त पंचमी के अन्तिम शाही स्नान सकुशल सम्पन्न होने के बाद कुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 18 में विगत लगभग एक माह से सेवारत मीरा मेवाड़ खालसे में ध्वाजावतरण की रस्म के साथ ही चल रहे समस्त अनुष्ठान सम्पन्न हुए तथा महाराज-श्री अपने सभी भक्तों के साथ पुनः मुंगाणा स्थित सांवलिया धाम आश्रम पर पधारे।गांव की सरहद पर भक्तों ने महाराज-श्री का गाजों बाजों व पुष्प वर्षा साथ भव्य स्वागत किया।तथा पूरे गांव में भव्य शोभा यात्रा के साथ हर घर के बाहर दीप ज्योतीमय आरती उतारी गई।उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर श्री चेतनदासजी महाराज के उत्तराधिकारी श्री अनुज दासजी महाराज का महामण्डलेश्वर की उपाधि से अलंकृत होकर प्रथम बार गांव में आगमन होने पर लोगों ने जयकारों से आकाश को गुंजायमान कर दिया।शोभा-यात्रा में नृत्य करते स्त्री पुरुषो ने महाराज श्री के सकुशल पुनः आगमन की खुशी को भाव-विभोर हो कर व्यक्त किया।इसे देखकर महाराज-श्री के प्रति अटूट आस्था का सैलाब प्रतीत हो रहा था ।ग्रामवासियों ने प्रयागराज से महाराज-श्री के साथ आये शिव शंकर शर्मा, इन्दरमल चौधरी, कमलेश खण्डेलवाल, ओंम प्रकाश उपाध्याय, राम किशोर आदि का भी भाव-भरा स्वागत किया।लगभग एक माह के इस महाकुंभ में मीरा मेवाड़ खालसा में प्रतिदिन हजारों संतो वे भक्तो की महाप्रसादी,अखंड हरी नाम संकीर्तन,अखंड रामचरित मानस पाठ, शिव महापुराण,नानी बाई का मायरा, भक्तमाल कथा, हनुमत चरित्र कथा,श्री मद्भागवत कथा जैसे कई अनुष्ठान भी सानंद संपन्न हुए।पूरे भारत वर्ष से आए कई सनातनियो ने मीरा मेवाड़ खालसा में शरण ली। अपार भव्यता और दिव्यता से भरा ये महाकुंभ तीसरे वे अंतिम अमृत स्नान के साथ मीरा मेवाड़ खालसा की ध्वजा पूजन,हवन वे पूर्णाहुति के साथ उतारी गई। और उसी के साथ मीरा मेवाड़ खालसा में चल रहे अखंड अन्नक्षेत्र का विश्राम हुआ।