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सीधा सवाल। चिकारड़ा। रविवार को एकाएक मौसम में बदलाव के चलते शीत लहर चलने के साथ ही फोग गिरने तथा धुंध फैलने से 15 मीटर की विजिबिलिटी भी नहीं रही। धुंध गिरने से जहां एक और वाहन चालकों को परेशान होना पड़ा वही ग्रामीण भी अछूते नहीं रहे। पिछले 10 दिनों से मौसम परिवर्तन के चलते सर्दी गिरने के साथ ही शीतलहर ने ग्रामीणों को झकझोर दिया। शीतलहर के चलते तापमान में दिन की अपेक्षा रात्रि में गिरावट देखी गई। लेकिन दिन भर सूर्य रहने के बाद भी गर्मी का एहसास नहीं दिला पाया । शाम 4:00 बजे बाद से ही शीत लहर में ग्रामीणों को गर्म कपड़ों में लपेटना को मजबूर कर दिया । यहां यह बता दें कि ऐसी शीतलहर में भी किसान मरता क्या करता वाली स्थिति में होते हुए इस प्रचंड सर्दी में खेतों में खड़े रहकर फसलों को पानी देता दिखाई दिया । जहां सरकार ने सर्दी को लेकर एडवाइजरी जारी की है । लेकिन किसान करे तो क्या करें, कहे तो किसे कहे, उसको तो खेतों में खड़े रहकर रात का फीडर है तो रात को फसलों में पानी देना है । पिछले दिनों रात दिन के तापमान में लगभग 10 डिग्री का अंतर चल रहा है । न्यूनतम तापमान 6 डिग्री से लेकर 20 डिग्री तक बना हुआ है । पिछले तीन दिनों से कल सवेरे फोग की स्थिति कम रहती है । वही दिन निकलने के साथ ही जहां एक और सर्दी बढ़ जाती है वहीं धुंध से कुछ भी नहीं दिखाई देता है । धुंध के गोटे हवा में उड़ते दिखे। रात्रि 12:00 बजे बाद तो वाहन चालकों को 15 मीटर दूर का भी दिखाई देना बंद सा हो गया। वाहनों पर लगी फोग लाइट भी बेअसर दिखी । रविवार अल सवेरे धुंध कम ही थी लेकिन जैसे-जैसे दिन निकलता गया। वैसे वैसे धुंध बढ़ती गई। प्रातः 9:00 बजे बाद सूर्य निकलने के साथ ही धुंध कम हुई । तथा 11 बजे बाद हल्के तापमान के बढ़ने से जनजीवन सामान्य हुआ। फिर भी शीतलहर ने ग्रामीणों को गर्म कपड़ों में लपेटने को मझबूर किया। खेतो में फसलों पर पानी की सफेद परत जम गई। ग्रामीण सर्दी से बचाव के लिए अलाव तापते रहे । किसान ऐसे मौसम में भी खेतों में पाणत करते दिखाई दिए।