1596
views
views

सीधा सवाल। चिकारड़ा। मंगलवार अल सवेरे से ही धुंध ओर हाड़ कंपाने वाली हवा के चलते पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त सा दिखा। यहां यह बता दे की पिछले एक सप्ताह से मावठ के साथ शीतलहर ने ग्रामीणों को झगझोर के रख दिया। मानव तो मानव लेकिन पशु पक्षी भी इससे अछूते नहीं दिखे। वैसे भी देखा जाए तो पौष मास में विशेष कर से सर्दी गिरती है। रविवार से सर्दी के साथ गलन होने से ग्रामीण ठिठुर गए । किसान वर्ग खेतों में भी हालांकि हाड़ तोड़ मेहनत कर रहा है लेकिन पौधों फसलों को पानी देने में प्रचंड सर्दी में भी खड़े रहकर कार्य करता रहा है। ओस धुंध के चलते पिछले तीन दिनों से खेतो में खड़ी फसलों पर सफेद पानी की परत जम रही है तो पेड़ों की पत्तों से पानी टपक रहा है । किसान वर्ग पानी की बूंदे फसल पर जमने से पाला गिरने की आशंका के चलते चिंतित और व्यथित दिखाई दिया। ऐसी सर्दी में पाला गिरने से फसले बर्बाद हो जाएगी। तीन दिन में सोमवार को सूर्य निकल पाया वही मंगलवार को 12 बजे बाद सूर्य निकला जिसके चलते ग्रामीणों ने शीत लहर गलन से राहत पाई । इस मौसम के चलते ग्रामीण दिन भर गर्म कपड़ों में लपेटे रहे। वही शाम को अंधेरा भी जल्दी हो गया ।