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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विशेष न्यायालय पोक्सो कोर्ट क्रमांक -1 चित्तौड़गढ़ की न्यायाधीश लता गौड ने नाबालिग के अपहरण एवं दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को दोषी पाया है। अभियुक्त को अलग-अलग धाराओं में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल 65 घर रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
विशिष्ट लोक अभियोजक गोपाल लाल जाट ने बताया कि प्रार्थी ने बेगूं थाने में एक दिसंबर 2020 को रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि प्रार्थी की पुत्री को अभियुक्त बेगूं निवासी रोहित पुत्र श्याम लाल सेन अपहरण कर ले गया। इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने नाबालिग किशोरी को दस्तियाब कर बयान करवाए। इसमें अभियुक्त के दुष्कर्म करना भी सामने आया। इस पर पुलिस ने अपहरण एवं दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के खिलाफ चालान पेश किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की और से 18 गवाह और 43 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मामले में न्यायाधीश ने अभियुक्त को दोषी पाया। अभियुक्त बेगूं निवासी रोहित सेन को आईपीसी की धारा 363 में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 366 में 7 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदंड तथा 3/4 पोक्सो एक्ट में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया।