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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विशिष्ठ न्यायालय पॉक्सो कोर्ट कमांक-1 चित्तौड़गढ़ ने नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को दोषी मानते हुए 20 वर्ष का कठोर कारावास व एक लाख 16 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। विशिष्ट लोक अभियोजक गोपाललाल जाट ने बताया है कि प्रार्थी की पुत्री सुबह घर से बकरियां चराने जंगल में गई जो शाम को घर वापस नहीं आई। इस पर प्रार्थी ने पुलिस थाना बेगूं में 11 अक्टूबर 2022 को एक रिपोर्ट पेश की। इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। मामले में जांच के बाद अभियुक्त भैरूलाल पुत्र स्व. मोहनलाल भील निवासी पिपरवा थाना सिंगोली जिला नीमच को 18 अक्टूबर 2022 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से 17 गवाहान के बयान करवाए तथा 25 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये गए। उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट 1 चित्तौड़गढ़ लता गौड द्वारा अभियुक्त को दोषी मानते हुए आईपीसी की विभिन्न धाराओं में 363 तीन वर्ष का कठोर कारावास व 5,000 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया एवं 366 में 7 वर्ष कारावास व 10 हजार रुपए व धारा 342 में एक वर्ष का कठोर कारावास व 1000 रुपए जुर्माना एवं धारा 376 (3) में 20 वर्ष का कठोर करावास एंव 50,000 रुपए तथा धारा 5 (एल)/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का कठोर कारावास व 50,000 हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई।