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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एन.आई. एक्ट न्यायालय ने चेक अनादरण के एक महत्वपूर्ण मामले में अभियुक्त गिरिराज गर्ग को दोषी करार देते हुए 8 लाख रुपये के अर्थदंड और 1 वर्ष 6 माह की सजा सुनाई है। परिवादी सुरेश चंद खटीक ने अभियुक्त गिरिराज गर्ग को 1 अगस्त 2013 को ₹5 लाख नकद उधार दिए थे। इसके बदले में अभियुक्त ने कॉरपोरेशन बैंक, चित्तौड़गढ़ शाखा का एक चेक जारी किया। जब यह चेक परिवादी ने अपने बैंक खाते में जमा किया, तो अपर्याप्त धनराशि के कारण यह चेक अनादरित हो गया। इस पर परिवादी ने अपने अधिवक्ताओं ओमप्रकाश शर्मा, राजेंद्र सिंह चौहान और सत्यनारायण माली के माध्यम से अभियुक्त को विधिवत नोटिस भेजा। नोटिस के बावजूद भुगतान न होने पर न्यायालय में परिवाद दर्ज किया गया।
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एन.आई. एक्ट की पीठासीन अधिकारी रितिका श्रोती ने मामले की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों के साक्ष्य और दस्तावेजों का गहन अध्ययन किया। सभी गवाहों और तर्कों के आधार पर अभियुक्त को धारा 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत दोषी करार दिया। अदालत ने अभियुक्त को ₹8 लाख रुपये का जुर्माना और 1 वर्ष 6 माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में अभियुक्त को 3 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।