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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट (एन.आई. एक्ट प्रकरण) न्यायालय ने चेक अनादरण के एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाते हुए अभियुक्त नाथु मीणा को 10 माह के साधारण कारावास और दो लाख 80 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह फैसला पीठासीन अधिकारी रीतिका श्रोती द्वारा सुनाया गया। अभियुक्त नाथु मीणा निवासी मीणों का कंथारिया, तहसील चित्तौड़गढ़ को धोखाधड़ी और चेक अनादरण के आरोप में दोषी ठहराया गया। परिवादी विशाल गोस्वामी (निवासी सैंथी मठ, चित्तौड़गढ़) ने एडवोकेट रत्नेश कुमार जैन (बोहरा), विशाल सिंह भाटी, मोनिका जैन और अंजली राठी के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर किया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि नाथु मीणा ने व्यापार व कर्ज अदायगी के नाम पर उनसे दो लाख पचास हजार रुपये उधार लिए और इसके भुगतान के लिए 13 जून 2019 को एक चेक (संख्या 108666, पंजाब नेशनल बैंक, सावा शाखा, चित्तौड़गढ़) जारी किया। लेकिन जब यह चेक बैंक में प्रस्तुत किया गया, तो यह अपर्याप्त धनराशि के कारण अनादरित हो गया।
परिवादी द्वारा कानूनी नोटिस भेजे जाने के बावजूद आरोपी ने भुगतान नहीं किया। इसके बाद न्यायालय में परिवाद दायर किया गया, जिस पर सुनवाई पूरी होने के बाद नाथु मीणा को दोषी करार दिया गया।
अदालत ने अभियुक्त को दो लाख 80 हजार के अर्थदंड और 10 माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, यदि वह जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे अतिरिक्त 1 माह का कारावास भुगतना होगा।
परिवादी विशाल गोस्वामी की ओर से इस मामले में एडवोकेट रत्नेश कुमार जैन (बोहरा), विशाल सिंह भाटी, मोनिका जैन और अंजली राठी ने सफल पैरवी की।