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सीधा सवाल। चित्तौडग़ढ़। माँ मीरां के गुरू संत रविदास उच्च आध्यात्मिक कोटि के महान् कर्मठ संत है,जिन्होंने आध्यात्म के साथ कर्मशीलता का अनुपम समन्वय स्थापित कर के कर्मशीलता को सर्वोच्च प्राथमिकता का संदेश प्रदान किया है।
उक्त विचार राष्ट्रपति-पुरस्कृत आसावरा प्रधानाचार्य डॉ.गोविंदराम शर्मा ने संत रविदास की जयंति पर व्यक्त किए । जानकारी देते हुए मालीराम वर्मा ने बताया कि नपानिया प्रधानाचार्य श्याम लाल लुहाडिया ने संत रविदास के आध्यात्म दर्शन की जानकारी प्रदान की । इस अवसर पर नाथूलाल मेनारिया,उदयलाल गाड़री,श्याम सुंदर आचार्य, तकेश कुमार,हरीश नागर, जीवराज जाट,महेश शर्मा,मुकेश जटिया,विनोद खोईवाल ने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम का संचालन राहुल खंडेलवाल और मंगल सिंह देवड़ा ने आभार व्यक्त किया ।