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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। मेवाड़ का प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री साँवलियाजी मन्दिर मण्डफिया वैश्विक आस्था का केन्द्र है। मन्दिर में अत्यधिक संख्या में श्रद्धालु एवं भक्तजन भगवान श्री साँवलिया सेठ के दर्शनार्थ आते है तथा स्वेच्छा से दान राशि चढ़ाते है। साथ ही आस-पास के क्षेत्र के काश्तकार गोपनीय रूप से भगवान श्री साँवलिया सेठ को दान के रूप में अपनी फसल की हिस्सा राशि नकद अथवा सामग्री के रूप में अर्पित करते है।
इसी क्रम में अफीम सदृश्य पदार्थ भी श्रद्धालुओं द्वारा भण्डार में डाला जाता है। इस पदार्थ के निस्तारण हेतु मन्दिर मण्डल द्वारा विगत वर्षों से नारकोटिक्स विभाग से पत्राचार किया जा रहा था। पूर्व में मन्दिर मण्डल के द्वारा निवेदन कर 1993 में चढ़ाये में प्राप्त अफीम सदृश्य पदार्थ का निस्तारण कर नारकोटिक्स विभाग को सुपूर्द की गई थी। हाल ही में सीईओ मन्दिर मण्डल द्वारा उक्त विषयक प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पुनः 1993 से मंदिर के स्ट्रांग रूम में संग्रहित कृषि उपज के निस्तारण हेतु नारकोटिक्स विभाग को पत्र लिखा गया एवं दूरभाष से भी सम्पर्क कर निवेदन किया।
मन्दिर मण्डल के निवेदन पर 13 फ़रवरी को मन्दिर गण्डल के सदस्यों, अध्यक्ष एवं सीईओ मन्दिर मण्डल की उपस्थिति में मन्दिर के स्ट्रॉग रूम में संग्रहित कृषि उपज/अफीम को विधि अनुसार पारदर्शी तरीके से तुलवाया जाकर नियमानुसार नारकोटिक्स विभाग को सुपुर्दगी की गई। जिसका प्रयोग जीवनरक्षक दवाओं हेतु किया जा सकेगा।
भविष्य में उक्तानुसार प्राप्त अफीम सदृश्य पदार्थ के निस्तारण हेतु नारकोटिक्स विभाग से समन्वय स्थापित कर कार्य योजना बनाई जा रही है जिससे समयबद्ध निस्तारण हो सके। इस हेतु समाचार पत्रों में भी व्यापक प्रचार-प्रसार एवं मन्दिर में सहज दृश्य स्थलों पर बैनर, फ्लेक्स इत्यादि लगाये जाकर आमजन श्रद्धालुओं को जागरूक करने के प्रयास भी मन्दिर मण्डल द्वारा किये जा रहे है।
सीईओ मन्दिर मण्डल प्रभा गौतम ने आमजन एवं श्रद्धालुओ से अपील कर निवेदन किया है कि मन्दिर में आने वाले श्रद्धालु को मन्दिर की दानपेटी (भण्डार) में अफीम या अन्य किसी प्रकार का मादक पदार्थ नहीं डाले, क्योकि यह निषिद्ध होकर कानूनन आपराधिक कृत्य है तथा इस प्रकार का प्रकरण संज्ञान में आने पर संबधित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा सकती है।
मन्दिर मण्डल के निवेदन पर 13 फ़रवरी को मन्दिर गण्डल के सदस्यों, अध्यक्ष एवं सीईओ मन्दिर मण्डल की उपस्थिति में मन्दिर के स्ट्रॉग रूम में संग्रहित कृषि उपज/अफीम को विधि अनुसार पारदर्शी तरीके से तुलवाया जाकर नियमानुसार नारकोटिक्स विभाग को सुपुर्दगी की गई। जिसका प्रयोग जीवनरक्षक दवाओं हेतु किया जा सकेगा।
भविष्य में उक्तानुसार प्राप्त अफीम सदृश्य पदार्थ के निस्तारण हेतु नारकोटिक्स विभाग से समन्वय स्थापित कर कार्य योजना बनाई जा रही है जिससे समयबद्ध निस्तारण हो सके। इस हेतु समाचार पत्रों में भी व्यापक प्रचार-प्रसार एवं मन्दिर में सहज दृश्य स्थलों पर बैनर, फ्लेक्स इत्यादि लगाये जाकर आमजन श्रद्धालुओं को जागरूक करने के प्रयास भी मन्दिर मण्डल द्वारा किये जा रहे है।
सीईओ मन्दिर मण्डल प्रभा गौतम ने आमजन एवं श्रद्धालुओ से अपील कर निवेदन किया है कि मन्दिर में आने वाले श्रद्धालु को मन्दिर की दानपेटी (भण्डार) में अफीम या अन्य किसी प्रकार का मादक पदार्थ नहीं डाले, क्योकि यह निषिद्ध होकर कानूनन आपराधिक कृत्य है तथा इस प्रकार का प्रकरण संज्ञान में आने पर संबधित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा सकती है।