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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र, संस्कृत विभाग, आईक्युएसी और महावीर इंटरनेशनल चित्तौड़गढ़ के संयुक्त तत्त्वावधान में राजकीय कन्या महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ में एक दिवसीय विशिष्ट व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम की अध्यक्षयता कर रहे प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्पण करके किया। प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा ने बताया कि कन्या महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ के भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र ने अपनी स्थापना के साथ ही संस्कृत संभाषण शिविर और व्याख्यान आदि के द्वारा इसकी स्थापना के उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास किया है जिसका प्रत्यक्ष लाभ छात्राओं को मिल रहा है। भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र के नाॅडल ऑफिसर श्याम सुन्दर पारीक ने भारतीय ज्ञान परम्परा का महत्त्व बताते हुए कहा कि हर भारतीय को अपनी ज्ञान परम्परा पर गौरव होना चाहिए। पारीक ने नयी शिक्षा नीति में चाॅइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के बारे बताते हुए छात्राओं को इसके लाभ भी गिनायेंं। महावीर इंटरनेशनल चित्तौड़गढ़ की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे मुख्य वक्ता सीए सुनील भंडारी ने स्वरचित रामायण की पुस्तक सभी छात्राओं को वितरित करते हुए रामायण और उसमें निहित जीवन पद्धति की वर्तमान जीवन में आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। सीए भंडारी ने महावीर इंटरनेशनल चित्तौड़गढ़ द्वारा आगामी निबन्ध प्रतियोगिता के बारे में भी जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि प्रतियोगिता में उत्तीर्ण सभी छात्राओं को प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न देकर के पुरस्कृत भी किया जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ ज्योति कुमारी ने किया। कार्यक्रम में आईक्युएसी समन्वयक डॉ सीएल महावर, रेखा मेहता, रेजरिंग प्रभारी जयश्री कुदाल, साहित्यिक समिति प्रभारी शंकर बाई मीणा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी प्रभुलाल गुर्जर, वरिष्ठ सहायक शांतिलाल मेघवाल, वन्दना शर्मा, आकाश जोशी, अमित भारती, जगदीश नाई, यशोदा बाई और गोपाल लक्षकार भी उपस्थित रहे।