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सीधा सवाल। भूपालसागर। मेवाड़ क्षेत्र के प्रमुख तीर्थधामों में शुमार श्री करेड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थ में मेवाड़ गौरव महोत्सव के अंतर्गत ऐतिहासिक प्रतिष्ठा महोत्सव बड़े हर्षोल्लास और भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। यह प्रतिष्ठा मारवाड़ रत्न जैनाचार्य रत्नसेन सूरीश्वर, मालव रत्न जैनाचार्य पद्मभूषण सूरीश्वर एवं मेवाड़ रत्न जैनाचार्य निपुणरत्न सूरीश्वर तथा साध्वीवर्या कीर्तिरेखा श्रीजी, सौम्यरत्ना श्रीजी सहित 68 साधु-साध्वियों की शुभ निश्रा में संपन्न हुई। मेवाड़ के इतिहास में पहली बार एक साथ 50 से अधिक प्रभु प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा की गई। मध्यरात्रि के शुभ मुहूर्त में प्रभु के केवलज्ञान कल्याणक स्वरूप अधिवासना विधि एवं प्रभु के प्रथम समवसरण में धर्मदेशना का आयोजन हुआ। प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत 108 अभिषेक का मंगल विधान भी आयोजित किया गया। अधिवासना एवं अंजनशलाका के बाद श्रद्धालुओं ने प्रथम दर्शन का लाभ लिया। दोपहर में मंदिर प्रतिष्ठा के साथ 108 पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमाएं तीर्थधाम में सुशोभित हुईं। यह राजस्थान क्षेत्र का पहला तीर्थधाम है, जहां सभी 108 पार्श्वनाथ भगवान प्रतिष्ठित हुए हैं।
प्रतिष्ठा महोत्सव में भूपालसागर, भीलवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, निम्बाहेड़ा, छोटी सादड़ी, फतहनगर, कपासन, सनवाड़, भीम, ब्यावर, विजयनगर, नीमच, मंदसौर सहित सैकड़ों गांवों-कस्बों से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। इस अवसर पर फल्ले चुनड़ी प्रतिष्ठा भी संपन्न हुई, जिसमें भूपालसागर गांव के सर्व समाज ने प्रसादी ग्रहण की।
प्रतिष्ठा महोत्सव की सफलता में करेड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थ ट्रस्ट की अहम भूमिका रही। ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रेयक भाई, कोषाध्यक्ष हेमंत कोठारी, मंत्री अनीश कोठारी, सदस्य अनिल मेहता, कुलदीप नाहर, श्रेणिक मनावत सहित कई जिनशासन प्रेमी सक्रिय रहे। आदेश्वर जैन तीर्थ कमलेश जारोली एवं श्रेणिक जोगातर ने भी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया। महोत्सव के दौरान थानाधिकारी लादूलाल खटीक के नेतृत्व में पुलिस जवानों ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा की कमान संभाली, जिससे प्रतिष्ठा कार्यक्रम शांतिपूर्वक सम्पन्न हो सका। मेवाड़ गौरव महोत्सव के तीसरे चरण में दयाल शाह किला जैन तीर्थ, राजसमंद में प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। यह प्रतिष्ठा 26 फरवरी से 3 मार्च तक तीनों आचार्यों की निश्रा में सम्पन्न होगी।