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सीधा सवाल। कपासन। इतिहास व्याख्याता गोपाल लाल बुनकर को विद्यावाचस्पति डॉक्टर ऑफ़ फ़िलॉसफ़ी की उपाधि सुविवि द्वारा प्रदान की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार कपासन निवासी इतिहास विषय के व्याख्याता गोपाल लाल बुनकर पुत्र सोहन लाल बुनकर को इतिहास विभाग मोहन लाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर द्वारा उनके शोध विषय वस्त्र निर्माण में बुनकर समाज का योगदान मेवाड़ के विशेष सन्दर्भ पर किए गये शोध कार्य के लिए विद्यावाचस्पति डॉक्टर ऑफ़ फ़िलॉसफ़ी की उपाधि से विभूषित किया गया।यह शोध कार्य डॉ. पीयूष भादविया, वरिष्ठ सहा. आचार्य इतिहास विभाग मोहन लाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर के निर्देशन में सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया। इतिहास शोध परिषद् के पूर्व अध्यक्ष मोहित शंकर सिसोदिया ने बताया कि इस अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. संजय श्रीवास्तव, एम.जी. कॉलेज के विभागाध्यक्ष लब्ध प्रतिष्ठत इतिहासकार प्रो. चंद्रशेखर शर्मा, प्रसिद्ध भारतविद् डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, अधिष्ठाता प्रो. दिग्विजय भटनागर, विभागाध्यक्ष प्रो. प्रतिभा, डॉ. पीयूष भादविया, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. कैलाश चन्द्र गुर्जर, डॉ. हुकमचंद जोशी, डॉ. हिम्मत कुमार, डॉ. वासुदेव बलाई, डॉ. निशा मेनारिया, डॉ. अजय मोची, महेन्द्र सिंह चारण, जितेन्द्र सुथार, दिलावर सिंह, सोहन लाल बुनकर, डाली बाई, नीलू बुनकर, प्रद्युम्न, जीविका के साथ अन्य शोधार्थी, विधार्थी एवं परिवारजन भी उपस्थित रहे।हाल ही में गोपाल लाल बुनकर द्वारा लिखित नवीन पुस्तक प्राचीन भारत का इतिहास भी प्रकाशित हुई है।वर्तमान में इतिहास व्याख्याता के पद पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कुण्डई भींडर जिला उदयपुर में कार्यरत है।