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जिला कलक्टर से भेंट कर बताई समस्या, ना तो पट्टे मिले ना ही मिल रहा योजनाओं का लाभ

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले की भदेसर तहसील क्षेत्र में आने वाले जेतपुरा गांव के वाशिंदों को कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। करीब 35 साल पहले विस्थापित हुवे इस गांव के ग्रामीणों को उनके अधिकार नहीं दिए गए। ऐसे में इन ग्रामीणों को ना तो मकान के पट्टे दिए और ना ही योजनाओं का लाभ। साथ बंदिशे ऐसी कि आबादी बढ़ने और तीन पीढ़ियां आने के बाद भी ये अपनी सीमा से बाहर नहीं निकल पा रहे है। जानकारी के अनुसार यह गांव खुद जो कि 35 वर्ष पूर्व घोसुण्डा बांध के डूब क्षेत्र में आने से विस्थापित 100 परिवार आज भी अपनी भूमि के लिए तरस रहे हैं। समस्या के निराकरण को लेकर मंगलवार को एक प्रतिनिधि मण्डल ने जिला कलक्टर से मुलाकात की।
जवानपुरा कॉलोनी निवासी दिनेश गुर्जर ने बताया कि प्रतिनिधि मण्डल ने भदेसर उपप्रधान प्रतिनिधि श्रवणसिंह राव के नेतृत्व में परिवदेना प्रस्तुत की। इसमें बताया कि 35 वर्ष पूर्व जेतपुरा खुर्द ग्राम को विस्थापित कर जवानपुरा कॉलोनी में 13 बीघा जमीन में लगभग 100 परिवार को बसाया था। आज 35 वर्ष बाद भी जमीन हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के नाम दर्ज होने से ग्राम पंचायत पट्टा देने में सक्षम नहीं है। मुलभूत सुविधाओं से भी ग्रामीण वंचित है। गांव में खेल मैदान, सामूदायिक भवन, धार्मिक आयोजन, पशु आदि को रखने के लिए जमीन नहीं है। 35 वर्ष में आबादी भी तीन गुना हो चुकी है। समस्या को लेकर पूर्व में तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी को भी ज्ञापन दिया जा चुका है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब भी सुनवाई नहीं होने पर ग्रामीणें ने आंदोलन की चेतावनी भी दी। प्रतिनिधि मण्डल में दिनेश गुर्जर, सुरेश रेगर, गोवर्धन सिंह, लोकेन्द्रसिंह, नारायण गुर्जर, शंकर गुर्जर, विरेन्द्रसिंह राव आदि उपस्थित रहे।