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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के मंडफिया स्थित प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलियाजी में मुख्य मार्गों पर बिना अनुमति के यूनीपोल लगाने की बात सामने आई है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया है। वहीं यह यूनीपोल शहरी क्षेत्र में लगते तो लाखों रुपए की आय नगर निकाय को होती। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना अनुमति के रात में लगाए इन यूनीपोल के मामले में पीछे के दरवाजे से किसने लाखों रुपए के वारे न्यारे कर लिए। एक तरफ श्री सांवलियाजी में श्रद्धालुओं का सैलाब लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं भंडार में आने वाली राशि में भी बढ़ोतरी हो रही है। अब सांवलियाजी में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पिछले दिनों दर्शन व्यवस्थार्थ एलइडी आदि लगाने के भी प्रस्ताव लिए गये थे। लेकिन इसी बीच मंदिर परिसर और मंदिर की निजी सम्पत्तियों में अचानक एक ही रात में करीब 15 यूनिपाेल लगा दिए जाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में जानकारी है कि कथित तौर पर मिली भगत के चलते पहले से ही यह यूनिपोल स्थापित कर गए गये है जिससे मंदिर के टेंडर को हासिल किया जा सके। अचानक अवैध होर्डिंग लगाने के मामले में क्षेत्र में प्रचार प्रसार का काम करने वाले लोगों ने आश्चर्य व्यक्त किया है। वहीं उन्होंने मंदिर मंडल की मुख्य कार्यपालक अधिकारी के नाम पत्र लिख कर स्वीकृति के बारे में जानकारी मांगी है। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर और मंदिर की निजी सम्पत्तियों में अचानक होर्डिंग लगाना कथित तौर पर मिली भगत की ओर इंगित करता है। जबकि इस संबंध में कोई भी टेंडर सार्वजनिक नहीं हुआ है। उनका कहना है कि पूर्व में भी मंदिर और मेले के प्रचार प्रसार के लिए वे होर्डिंग्स का काम करते रहे है। लेकिन स्थानीय कर्मचारियों या अन्य की मिली भगत के बिना इस तरह यूनीपोल लगाना संभव नहीं है।
सुरक्षा का भी नहीं रख ध्यान
श्री सांवलियाजी में रातों-रात आनन-फानन में लगाए इन यूनिपोल के मामले में कई गड़बड़ी की बातें सामने आ रही है। वहीं दूसरा यह भी सामने आया है कि सुरक्षा मानकों का भी ध्यान नहीं रखा गया है। इससे कि बड़े वाहन आने की स्थिति में हादसे हो सकते हैं। स्थान चयन की अनुमति किससे ली यह भी स्पष्ट नहीं है। यूनीपोल लगे उसकी भी जांच नहीं की गई तथा सुरक्षा मानकों को भी दरकिनार कर दिया।