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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ की विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट (एनआई एक्ट) कोर्ट ने एक अहम फैसले में आरोपी पवन कुमार गोपाल प्रसाद माली को चेक अनादरण (चेक बाउंस) मामले में दोषी करार देते हुए 9 माह के साधारण कारावास और ₹3.20 लाख की प्रतिकर राशि से दंडित किया है। मामला भदेसर तहसील के कन्नौज निवासी लीलाबाई माली से जुड़ा है, जिन्होंने अपनी हुंडई कार 3.80 लाख रुपए में अहमदाबाद निवासी आरोपी पवन माली को बेची थी। दोनों के बीच पूर्व परिचय था और सौदे के तहत आरोपी ने भुगतान के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के दो चेक दिए। इनमें से एक ₹2.80 लाख और दूसरा ₹1 लाख का था। आरोपी ने ₹1 लाख की राशि नकद अदा कर दी, लेकिन ₹2.80 लाख का चेक बैंक में पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण बाउंस हो गया। चेक बाउंस होने के बाद भी आरोपी ने रकम अदा नहीं की। इस पर परिवादिया ने अपने अधिवक्ताओं—एडवोकेट ओमप्रकाश शर्मा, राजेन्द्र सिंह चौहान व सत्यनारायण माली—के जरिए आरोपी को विधिवत नोटिस भिजवाया, लेकिन फिर भी रकम की अदायगी नहीं की गई। मामला कोर्ट पहुंचा और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 2 मई 2025 को अंतिम फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत दोषी करार देते हुए ₹3.20 लाख की प्रतिकर राशि के साथ 9 माह के कारावास की सजा सुनाई।