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सहकार भारती द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर कार्यशाला

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। प्रख्यात राष्ट्रवादी विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ गुरुवार शाम अल्प समय के लिए चित्तौड़गढ़ पहुंचे। यहां सहकारी संस्थाओं के विभिन्न संगठनों के साथ विश्व हिंदू परिषद द्वारा होटल पद्मिनी में उनका स्वागत किया गया। सहकार भारती द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता सनातन समाज के ठेकेदारों उनके निशाने पर रहे। । चाहे मंदिर हो या फिर कोई इंस्टिट्यूट या शंकराचार्य अपने-अपने हिसाब से सनातन की व्याख्या करते हैं। सनातन समाज की दुर्गति के लिए समाज के ठेकेदारों को जिम्मेदार मानते हुए कहा कि यदि उनका साथ नहीं दो तो तुरंत ही देशद्रोही का सर्टिफिकेट बांटने से भी नहीं चूकते। राजनीतिक व्यक्ति को झूठ बोलने की छूट है क्योंकि उनका एकमात्र ध्येय सत्ता पाना है लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर सनातन के ठेकेदार को समाज से क्या हासिल करना है? जो हर सब्जेक्ट पर बोल जाते हैं जबकि उन्हें इसका ज्ञान भी नहीं है। भीलवाड़ा से सुनील सोमानी (प्रदेश महामंत्री सहकार भारती), अध्यक्षता चित्तौड़गढ़ नगर के समाजसेवी अनिल ईनानी और रवि विराणी (प्रदेश मंत्री सहकार भारती) के साथ मंच साझा करते हुए अलीगढ़ विश्वविद्यालय के छात्र रहे कुलश्रेष्ठ अपने चिर परिचित अंदाज में बोले, 2025 के इस भारत में सनातनी समाज में व्यक्ति की उम्र नहीं बल्कि आर्थिक आधार पर सम्मान किया जाता है। वर्तमान में पाकिस्तान और आतंकवाद के विषय चल रहे हैं, मीडिया वाले कुछ भी बोले, हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने स्तर पर उसे वेरीफाई करें और आगे चलाए। इस फर्ज को मठाधीश भूल चुके हैं। आज मंदिर से लेकर शंकराचार्य सब अपनी अपनी मजबूरी से सनातन को परिभाषित करते हैं। राम और कृष्ण के पुरुषार्थ, साहस और चुनौती का जिक्र नहीं करते बल्कि उनके चरित्र को अपने हिसाब से गढ रहे है। देश में चार शंकराचार्य है परंतु सोच लिए विषय यह है कि वर्तमान में 14 शंकराचार्य बने हुए हैं। धर्म के ठेकेदार 4-4,5-5 करोड रुपए लेकर अपनी कथा कहानियों में रहते हैं कि घर में महाभारत नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे झगड़ा होता है जबकि महाभारत पुरुषार्थ, साहस और चुनौती की शिक्षा देने वाला ग्रंथ है। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद लोगों से आजादी के बाद 70 साल की उपलब्धि के बारे में पूछते हुए कहा कि इन 70 सालों में सत्ता के दलालों ने सनातनी हिंदू को अपने ही देश में आठवें दर्जे का नागरिक बना दिया। बंगाल, कश्मीर, दिल्ली, केरल से हिंदू लोग पलायन कर रहे हैं। इसके लिए और कोई नहीं बल्कि हम लोग ही जिम्मेदार है क्योंकि हम भगत सिंह पड़ोसी के घर में पैदा हो वाली सोच रखते हैं। हमारे समाज में चोर और मक्कार लोग हैं जो छोटे से लालच में समाज और धर्म के खिलाफ जाने से भी गुरेज नहीं करते। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यह मानसिकता हमें विनाश की ओर ले जाने वाली है। सनातनी अब भी नहीं संभले तो देश की दिशा और दशाएं बदलने से कोई नहीं रोक पायेगा। देश की राजनीति पर तंज करते हुए प्रख्यात विचारक कुल श्रेष्ठ ने कहा कि दूसरों पर दोषारोपण करने से काम नहीं चलेगा। आज वे लोग 14 साल बाद भी अपनी फिलासफी पर अडिग है और मलाई खाने वाले हमारे ठेकेदार झूठ मुठ के चरित्र को हीरो बना रहे हैं। किस ग्रंथ में लिखा है कि भगवान के मुंह से ब्राह्मण पैदा हुआ, भूजा से राजपूत। आखिरकार किस कथा में जाति प्रथा का जिक्र है। यह देश हमेशा से कर्म प्रधान रहा है। भगवान राम भले ही क्षत्रिय थे लेकिन उन्होंने मर्यादाओं का मान रखने के लिए प्रकाण्ड विद्वान रावण का वध किया जो एक ब्राह्मण था। मुसलमान के यहां अपनी बेटी देना मंजूर है लेकिन अपने ही दलित और पिछड़े वर्ग के भाइयों के साथ रोटी बेटी का रिश्ता कायम बनाना मंजूर नहीं है, जो दोगला पंथी कहीं जा सकती है। नूपुर शर्मा का मुद्दा उठाते हुए कुलश्रेष्ठ ने कहा कि उसने केवल सच्चाई को बयां किया था लेकिन आज वर्षों बाद भी वह इसका खामियाजा भुगत रही है और सुरक्षा में रहने को मजबूर है। करीब पौने दो घंटे तक चली इस कार्यशाला के बाद कुलश्रेष्ठ भीलवाड़ा के लिए रवाना हो गए।
कार्यक्रम में चित्तौड़गढ़ शहर के विभिन्न संघटन, अध्यापक, लेखक, वरिष्ठ नागरिक मंच, पेंशन समाज व जोहर स्म्रति संस्थान के पदाधिकारि मौजूद रहे।