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सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। छोटीसादड़ी में हुए गुड्डी बाई हत्याकांड की गुत्थी आखिरकार 15 दिनों में पुलिस ने सुलझा ली है। वारदात के बाद से इलाके में फैले खौफ और तमाम अटकलों के बीच पुलिस की कड़ी मेहनत और तकनीकी जांच आखिरकार रंग लाई। लेकिन जब पर्दा उठा तो पूरा मामला चौंकाने वाला निकला। जिस खूंखार हत्यारे की तलाश में पुलिस दिन-रात एक कर रही थी, वो और कोई नहीं बल्कि एक नाबालिग निकला। मंगलवार को प्रतापगढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी विनीत कुमार बंसल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामलें का खुलासा करते हुए एक विधि से संघर्षरत बालक को डिटेन किया है। पुलिस जांच में सामने आया कि यह हत्या किसी आपसी रंजिश या लूट के इरादे से नहीं, बल्कि किशोर की विकृत मानसिकता और पोर्न की लत का परिणाम थी। एसपी विनीत कुमार बंसल ने बताया कि घटना 19 मई की है। छोटीसादड़ी के माली मोहल्ला में 50 वर्षीय गुड्डीबाई पत्नी कन्हैयालाल माली का शव उनके घर में खून से लथपथ मिला था। सूचना पर थानाधिकारी प्रवीण टांक मय जाप्ता मौके पर पहुंचे थे। मृतका के रिश्तेदार रामचंद्र माली ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिला पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल के निर्देश पर एएसपी परबत सिंह और डीएसपी गोपाललाल हिंडोनिया के मार्गदर्शन में जांच शुरू की गई। एफएसएल टीम, डॉग स्क्वॉड और साइबर सेल को मौके पर बुलाया गया। कस्बे के करीब 150 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए और इलाके में डोर-टू-डोर सर्वे किया गया।
घटना की रात घर के पास मोबाइल चलाते मिला किशोर, पुख्ता सबूतों के बाद कबूल किया गुनाह
एसपी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को तकनीकी साक्ष्यों से सूचना मिली कि मृतका के घर से महज 30 मीटर दूर रहने वाला एक किशोर घटना की रात देर रात तक मोबाइल चलाते देखा गया था। पुलिस ने गोपनीय तरीके से उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और बाद में संरक्षक की मौजूदगी में गहन पूछताछ की गई। किशोर ने बताया कि वह लंबे समय से पोर्न देखने का आदी था और मानसिक रूप से अकेलापन महसूस करता था। घटना की रात उसने पोर्न फिल्म देखने के बाद गुड्डीबाई के घर में पीछे की दीवार से चढ़कर प्रवेश किया। वह महिला के कपड़े हटाने की कोशिश कर रहा था कि तभी गुड्डीबाई जाग गईं। उन्होंने किशोर को पहचान लिया, जिससे डरकर उसने चाकू से महिला पर कई वार कर दिए।
हत्या के बाद मोबाइल और चाकू छिपाया, पुलिस को गुमराह करने की भी कोशिश
सीआई प्रवीण टांक ने बताया कि हत्या के बाद किशोर मृतका के दो मोबाइल फोन और खून से सना चाकू लेकर अपने घर चला गया। नहाने-धोने के बाद उसने दोनों मोबाइल की सीम निकालकर पास के खंडहर में फेंक दिए और चाकू व कपड़े छिपा दिए। लेकिन पुलिस की सघन जांच और साइबर टीम की तकनीकी मदद से पूरा मामला खुल गया। पुलिस ने बीएनएस में मामला दर्ज किया गया। आरोपी को बाल अधिकारों के अनुरूप संरक्षक की मौजूदगी में डिटेन किया गया है। मामले की आगे की जांच जारी है। सीआई प्रवीण टांक ने बताया कि “यह केस हमारे लिए चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमारी टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और लगातार प्रयास से सफलता हासिल की। वहीं, इलाके में लोग इस बात से हैरान हैं कि ऐसा नृशंस अपराध किसी नाबालिग ने अंजाम दिया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इस वारदात में कोई और शामिल था या आरोपी ने अकेले ही इस खौफनाक साजिश को अंजाम दिया। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल किया गया हथियार भी बरामद कर लिया है।
हत्या के मामले का सफल खुलासा करने वाली पुलिस टीम
पुलिस विभाग ने तत्परता एवं सूझबूझ के साथ हत्या के एक जघन्य मामले का सफलतापूर्वक खुलासा किया है। इस कार्रवाई में सीआई प्रवीण टांक, एसआई अर्जुन सिंह, एएसआई शिवराम गुर्जर, भवंरसिंह, हेड कांस्टेबल सुरेश जाट, हेड कांस्टेबल महेश कुमार, साइबर सेल के रमेशचन्द्र मीणा, महावीर तिवारी की अहम भूमिका रही। पुलिस टीम में उपनिरीक्षक नारायण लाल, धोलापानी थानाधिकारी रविन्द्र कुमार पाटीदार, सहायक उपनिरीक्षक जगदीश प्रसाद, सहायक उपनिरीक्षक प्रतापसिंह, हेड कांस्टेबल नरपतसिंह, कांस्टेबल रामराज गुर्जर, हरेन्द्रसिंह, मानसिंह, धर्मेन्द्र सिंह, शम्भुसिंह पुलिस टीम में शामिल रहें।