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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। ऊं तत्सत् पारमार्थिक संस्था द्वारा प्रायोजित द्वितीय सनातन संस्कार शिविर 2025 में राजकीय कन्या महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा विशिष्ट व्याख्यानमाला का कल समापन होगा। प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा ने बताया कि महाविद्यालय सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर आमजन तक अपनी योजनाओं को पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण, नशा मुक्ति अभियान जैसे कार्यक्रमों की श्रृंखला में महाविद्यालय में संचालित भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र द्वारा ऊं तत्सत् पारमार्थिक संस्था के सहयोग से भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित दशदिवसीय विशिष्ट व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया है। इसमें लगभग 250 शिविरार्थी अध्ययन कर रहे हैं जिनमें 5 वर्ष की आयु से लेकर 70वर्ष तक के बाल, वृद्ध और महिलाएं सम्मिलित है। नोडल अधिकारी डॉ श्याम सुन्दर पारीक ने बताया कि भारतीय ज्ञान परम्परा की कार्यशाला को लेकर आमजन में बहुत उत्साह है। पंचवटी हनुमान मंदिर चित्तौड़गढ़ में चल रहे इस शिविर में भारतीय कालगणना, ज्योतिष, खगोल विद्या, आयुर्वेद, योग, वेद, वेदांग, पुराण, सैन्य व्यूह रचना, प्राचीन कृषि पद्धति, रसायन शास्त्र, दर्शनशास्त्र, प्राणायाम, ध्यान, संगीत, सस्वर उच्चारण, छ्न्द गान, संस्कृत संभाषण आदि का ज्ञान करवाया जा रहा है। ऊं तत्सत् पारमार्थिक संस्था चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य विवेक उपाध्याय द्वारा शिविरार्थियों को संस्कार और पूजा पद्धति का भी शिक्षण करवाया जा रहा है। कल17 जून को समापन दिवस के दिन कन्या महाविद्यालय के संस्कृत विभाग की छात्राओं द्वारा शिविर में भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित वस्तु प्रदर्शिनी भी लगायी जायेगी। दश दिवस का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी शिविरार्थियों को कन्या महाविद्यालय और अमर विकास समिति चित्तौड़गढ़ द्वारा पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र भी वितरित किये जायेंगे। कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा के प्रमुख प्रशिक्षक के रुप में महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ श्याम सुन्दर पारीक ने भारतीय ज्ञान परम्परा के व्यवहारिक और सैद्धांतिक दोनों पक्षों पर एक विशिष्ट पाठ्यक्रम तैयार कर शिक्षण करवाया है।