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सीधा सवाल। कपासन। श्री सांवलिया धाम आश्रम मुंगाना के महंत महामंडलेश्वर चेतन दास महाराज का शुक्रवार को देहावसान हो गया। आश्रम के पंडित कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि 90 वर्षीय संत की तबीयत उम्र के हिसाब से ठीक थी। आज सुबह भी वे श्रद्धालुओं से बातचीत कर रहे थे। सवा दस बजे हार्ट अटैक आने से उनका निधन हो गया।संत श्री का पार्थिक पार्थिक देह आज आश्रम में दर्शन के लिए रखा गया।शनिवार सुबह आठ बजे आश्रम से अंतिम यात्रा निकलेगी। यात्रा मुंगाना गांव में भ्रमण कर वापस आश्रम पहुंचेगी। आश्रम में सुबह 11 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा।महामंडलेश्वर चेतन दास मेवाड़ मालवा, गुजरात, महाराष्ट्र और संपूर्ण राजस्थान क्षेत्र के प्रसिद्ध संत थे। उन्होंने लगभग 1700 मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा करवाई। जिसमें कई मंदिरों का निर्माण और जीर्णोद्धार भी करवाया। पिछले तीस वर्षों से कुंभ मेले में संतों और श्रद्धालुओं की सेवा के लिए मेवाड़ मीरा खालसा का संचालन कर रहे थे।गंगरार क्षेत्र के करेडिया में जन्मे महंत का बचपन का नाम गणेश था। बूढ़ गांव के संत बिहारीदास जी से प्रभावित होकर उनकी शरण में चले गए। गुरु के साथ मुंगाना के नृसिंहद्वारा में रहने लगे। 1961 में संत बिहारीदास जी के देहावसान के बाद उनकी स्मृति में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाने लगे। प्रयाग कुंभ में चारों अखाड़ों के जगदगुरुओं ने उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया। मुंगाणा आश्रम में गोशाला और अन्नपूर्णा भोजन शाला, वेद गुरुकुल का संचालन प्रारंभ किया गया।