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आत्म कल्याण के लिए जीवन में जिनवाणी रूपी शक्कर को घोलना होगा- श्री युगप्रभ मुनिजी

सीधा सवाल। निम्बाहेड़ा। श्री साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ के आचार्य श्री विजमराज जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती तरुण तपस्वी श्री युगप्रभ जी म.सा., आदर्श सेवारत्न श्री अभिनव मुनिजी म.सा. का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश विशाल जनसमुह के साथ सम्पन्न हुआ।
संघ के मंत्री अजय सिंघवी ने बताया कि विशाल जन भेदनी के साथ मुनि मण्डल दिवाकर भवन से विहार कर विभिन्न मार्गों से होते हुए, नवकार भवन प्रघाटें, जहाँ मांगलिक श्रवण कराकर प्रवचन हेतु कृषी उपज मण्डी पधारें।
कृषि उपज मण्डी प्रांगण में उपस्थित जन समुह को संबोधित करते हुए श्री युगप्रभ मुनिजी ने कहा कि दुध में शक्कर डालने से दुध मिठा नहीं होता, दूध को मिठाह बनाने के लिए शक्कर को दुध में घोलना पड़ता है, वैसे ही आत्म कल्याण करने के लिए जीवन में जिनवाणी रूपी शक्कर को घोलना होगा। यह चातुर्मास का अवसर इसीलिए आपके सामने आया है कि आप चार माह तक जिनवाणी का अमृत पान करके अपने आत्मा को निखार ने का कार्य करे। श्री अभिनव मुनि जी म.सा. ने कहा कि मर्यादा का पाठ पढ़ाने के लिए चातुर्मास आया है।
धर्मसभा में निम्बाहेड़ा के पूर्व विधायक अशोक नवलखा ने कहा कि सभी तेरे- मेरे की भेद रेखा से ऊपर उठकर चातुर्मास का लाभ प्राप्त करें।
संघ के अजय सिंघवी ने बताया धर्मसभा में महावीर छाजेड़ ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संघ के राष्ट्रीय मंत्री विरेन्द्र जैन, विमल पामेचा मन्दसौर, निर्मल पितलिया नीमच, संपत खोडपिमा भदेसर, श्रीमती मधु मट्ठा चितौड़ ने अपने विचार व्यक्त किये।
सभा में चितौड़गढ़, आवरी माताजी, भदेसर, नीमच, छोटीसादडी, विजयनगर, मण्डावली, जावद, मन्दसौर, चिकारड़ा मंगलवाड़, बिनोता, लसड़ावन, शम्भूपुरा, सतखंडा, जावदा आदि क्षेत्रों के श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
चातुर्मास काल में सम्पूर्ण भोजनशाला का लाभ शशीकला, सुशील भडक्तिया निम्बाहेड़ा ने लिया। सभा का संचालन अभय जारोली ने किया। प्रवचन का प्रारम्भ 9 जुलाई से नवकार भवन में होंगे।