525
views
views

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। अखिल विश्व गायत्री परिवार, हरिद्वार की ओर से निकाली जा रही ज्योति कलश यात्रा इस समय चित्तौड़गढ़ जिले में घूम रही है। यह कोई साधारण यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य लोगों को अच्छे विचारों से जोड़ना, उनके जीवन में उजाला भरना और पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और परम वंदनीया माताजी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है।
यह यात्रा 11 जून 2024 को सलूंबर से रवाना होकर चित्तौड़गढ़ जिले में प्रवेश कर चुकी है। सबसे पहले यह यात्रा जिले की डूंगला तहसील में पहुंची, फिर 15 जून को भदेसर, 19 जून को कपासन, 23 जून को भूपालसागर, 28 जून को राशमी, 2 जुलाई को गंगरार, और 5 जुलाई को चित्तौड़गढ़ तहसील में पहुंची। यात्रा जहां-जहां गई, वहां लोगों ने इसको श्रद्धा, उत्साह और भक्ति भाव से स्वागत किया।
वर्तमान में, यह यात्रा चित्तौड़गढ़ शहर और आसपास के गांवों में भ्रमण कर रही है। 7 जुलाई को यह यात्रा चित्तौड़ नगर के सेगवा हाउसिंग बोर्ड, ब्रह्मपुरी, मधुवन, सैंती, पंचवटी, प्रतापनगर, कुम्भानगर, शास्त्री नगर, सिंचाई नगर, हजारेश्वर मंदिर, सुभाष चौक, गांधीनगर, नई पुलिया, रेलवे स्टेशन और शक्तिपीठ पहुंची। शक्तिपीठ में रात को यात्रा का विश्राम हुआ।
8 जुलाई की सुबह यात्रा ने फिर से शुरुआत की और मानपुरा, गोपालनगर, सेमलपुरा, आंवलहेड़ा, बल्दरखा, बस्सी, बिजयपुर, केलजर और पालका गांवों में पहुंची। इन गांवों में भी लोगों ने भव्य स्वागत किया। कुछ जगहों पर महिलाओं ने कलश यात्रा का स्वागत किया।
अब आगे यात्रा 9 जुलाई से बेगूं तहसील में पहुंचेगी, 13 जुलाई से निंबाहेड़ा, 17 जुलाई से बड़ीसादड़ी और 21 जुलाई को यह यात्रा प्रतापगढ़ जिले की ओर रवाना हो जाएगी।
हजारेश्वर महादेव मंदिर, चित्तौड़गढ़ में यात्रा के आगमन पर एक सुंदर और भक्तिपूर्ण प्रोग्राम रखा गया। यहां महंत 1008 श्री चंद्रभारती जी महाराज की उपस्थिति में सांवित्रीबाई फुले विकास सेवा संस्थान, चित्तौड़गढ़ की ओर से यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। माली समाज के समाजजनों और गायत्री परिवार के सदस्यों ने मिलकर आरती, पुष्प वर्षा और स्वागत गीतों के साथ ज्योति कलश का अभिनंदन किया।
इस कार्यक्रम में कई प्रमुख लोग शामिल रहे। इसमें
संस्थान अध्यक्ष हेमराज करोड़ीवाल, जिला कलेक्ट्रेट अधिकारी किशन माली,समाजसेवी राजन माली, महामंत्री शिवप्रकाश माली, युवा जिलाध्यक्ष राहुल माली, कन्हैयालाल माली, रामेश्वर माली,नारायण माली, समन्वयक बद्रीलाल माली, रमेश पुरोहित, जगदीश जोशी, मांगीलाल दोसाया, सोहनलाल पेंटर, गायत्री परिवार के परिवारजन, महिला शक्ति और हजारेश्वर मंदिर के सभी संतगण शामिल थे। सभी ने मिलकर गुरुदेव के विचारों को अपनाने और आगे फैलाने का संकल्प लिया।
ज्योति कलश यात्रा का मूल उद्देश्य बहुत ही पवित्र और गहरा है। यह सिर्फ एक दीप यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक प्रकाश की चेन है, जो लोगों के दिलों को जोड़ रही है। इस यात्रा का लक्ष्य है -
पूज्य गुरुदेव द्वारा प्रज्वलित अखंड ज्योति के प्रकाश को और अधिक तेजस्वी बनाना।
- ऋषियुग्म (गुरुदेव और माताजी) के तप, त्याग और साधना से उपजे हुए दिव्य तेज को हर घर तक पहुंचाना।
- उन लोगों तक भी गायत्री परिवार का विचार, साधना और सेवा भाव पहुंचाना, जो अब तक इससे नहीं जुड़े हैं।
साथ ही, 2026 में पूज्य गुरुदेव और माताजी के दिव्य अवतरण के 100 वर्ष पूरे होने पर, उस शताब्दी वर्ष की तैयारी करना भी यात्रा का एक मुख्य उद्देश्य है।
गायत्री परिवार का यह प्रयास आज के समय में बहुत जरूरी लगता है। जब समाज में तनाव, अशांति और मूल्यहीनता बढ़ रही है, तब यह यात्रा लोगों को संस्कार, संयम, सेवा और साधना का मार्ग दिखा रही है। यह यात्रा हमें याद दिलाती है कि हमें अपने जीवन को भी एक दीपक की तरह बनाना है, जो दूसरों के अंधेरे को दूर करे।