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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। गांव की चरनोट भूमि पर अवैध कब्जा करने की नियत और बिना ग्रामवासियों का पक्ष जाने और बिना सुनवाई किये रातों रात प्लाटिंग हेतु भू माफिया के सहयोग से अपने पक्ष में प्रशासन की मदद का आदेश निकलवाने की कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए भदेसर तहसील के अमरपुरा ग्रामवासियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर उचित कार्यवाही करने, भूमाफिया से चरनोट भूमि को मुक्त रखने व एक तरफा जारी आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग की गई।
ग्रामवासियों ने सौंपे ज्ञापन में बताया कि अमरपुरा गांव की सीमा पर राजकीय कॉलेज तथा उसके पूर्वी दिशा में मुख्य रोड़ है। आराजी नं. 111 कुल 85 बीघा आठ बिस्वा भूमि चारागाह की रही है जिसमें बिना ग्रामवासियों की सहमति से 60 बीघा 15 बिस्वा जमीन कॉलेज को आवंटित कर दी गई। जो भूमि कॉलेज में गई उसके बदले में अन्य चारागाह भूमि रिकार्ड में पुनः आवंटित ही नहीं की गई। वर्तमान में कॉलेज के सामने रोड़ के उपरांत उक्त चारागाह भूमि का हिस्सा चरनोट के रूप में मौके पर स्थित है। पूरे गांव के मवेशी वहां चराई करते हैं जिसे भूमाफिया ने साजिश कर नक्शा तरमीम करवा ली। नक्शे में संशोधन का प्रकरण वर्ष 2017 से भदेसर उपखण्ड अधिकारी न्यायालय में विचाराधीन है। इस बीच ग्रामवासियों की जानकारी में आया कि बिना ग्रामवासियों का पक्ष सुने, बिना सहमति के भूमाफिया द्वारा उक्त आराजी पर कब्जा प्राप्त करने के लिए प्रशासन की मदद लिये जाने का आदेश निकलवाने की कार्यवाही कर ली गई। अब पुलिस के संरक्षण में इन्हें मौके पर कब्जा दिलाया जाना बाकी है। जिसका समस्त ग्रामवासियों ने विरोध करते हुए उचित कार्यवाही की मांग की।
इस दौरान उंकारलाल जाट, धन्ना लाल जाट, संतोष सिंह, मादूलाल, मोहनसिंह राठौड़, पुष्कर जाट, भगवानलाल, हीरालाल जाट, महेन्द्र सिंह, नारायण सिंह, देवेन्द्र सिंह राठौड़, पुष्पेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र सिंह, शंकरलाल, मोतीसिंह, हिम्मतसिंह, नारायण जाट, रतनलाल सहित कई ग्रामवासी मौजूद रहे।
