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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ एवं मकर राशि का स्वामी ग्रह शनि देव को माना गया है । ग्रहों की चाल में शनि का वक्री होना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सभी नौ ग्रहों में शनिदेव की गति सबसे धीमी है एवं इसका वक्री होना इसकी उलटी चाल को तीव्र कर प्रभावों में अभिवृद्दी करता है । वैदिक पंचांग के आधार ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की न्याय के देवता शनि मीन राशि में रविवार 13 जुलाई, 2025 को सुबह 09.36 बजे वक्री हो गए हैं, जो कि शुक्रवार, 28 नवंबर सुबह 09.20 बजे मार्गी होंगे। वास्तव में शनि के मीन राशि में वक्री होते ही जिन राशियों राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है ,उनमें कुछ को राहत तो कुछ को परेशानियों का सामना ज्यादा करना पड़ सकता है । वर्तमान में मीन , कुम्भ, मीन धनु एवं सिंह राशि क्रमशः पर शनि की साढे साती और ढैय्या चल रही है । ऐसे में इन राशि के जातको के साथ ही अन्य राशियों के जातकों पर भी वक्री शनि का प्रभाव देखने को मिलेगा ।
मेष : स्वयं तथा परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य समस्या में सुधार। सभी कार्यों में थोड़ा संयम रखना होगा ।
वृष : आर्थिक मामलों एवं कार्यक्षेत्र में संघर्षपूर्ण सफलता। धैर्यपूर्वक प्रयास से प्रतिष्ठा तथा मान-सम्मान में वृद्धि।
मिथुन : महत्वपूर्ण कार्यों में थोड़े प्रयास से बड़ी सफलता। चल-अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री। कार्यक्षेत्र में तरक्की।
कर्क : अवांछित परिवर्तन। कुछ विवादित मामलों तथा ऋण लेन-देन संबंधी निपटारा। स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
सिंह : स्वास्थ्य, संबंधों, कार्यक्षेत्र में बाधा। थोड़ा अतिरिक्त प्रयास अपेक्षित। कार्य स्थल में परिवर्तन।
कन्या : कार्यक्षेत्र, व्यवसाय में संघर्ष। चल-अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री। पारिवारिक मामलों में अशांति।
तुला : साझेदारी एवं पारिवारिक जीवन में संघर्ष। अचानक ऋण का लेन-देन। कुछ विवादित मामलों का निपटारा।
वृश्चिक : शुभ-अशुभ दोनों परिणाम। स्वयं, परिवार के सदस्य के निवास, कार्य स्थल या पढ़ाई स्थल में परिवर्तन।
धनु : स्वयं तथा घर के सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार। विवादित मामलों में सफलता। कार्यों में अतिरिक्त प्रयास।
मकर : सभी रुके कार्यों में सफलता। कुछ चल-अचल संपत्ति की खरीदारी। पुराने किए गए कार्यों के लिए सम्मान। आमदनी के नए स्रोत की प्राप्ति।
कुंभ : संघर्षपूर्ण सफलता। स्वास्थ्य, मरम्मत तथा कुछ नई खरीदारी पर खर्च की अधिकता। कार्यस्थल एवं कार्य की प्रकृति में परिवर्तन संभव।
मीन : आजीविका, व्यापार-व्यवसाय में मिश्रित सफलता। रुके कार्यों में अतिरिक्त प्रयास से अच्छी सफलता मिलने की संभावना।
ये करे उपाय
दशरथकृत शनि स्त्रोत अथवा शनि स्तवराज का नित्य पाठ करे ।अनाथ, निर्धन वर्ग की सेवा करे ।
महिलाओ का सम्मान करे ।
नंगे पैर शनि मंदिर जावे ।
काली गाय को गुड खिलावे ।
पीले कपडे और दाए हाथ पर पीला धागा बांधे।
