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सीधा सवाल। चिकारड़ा। सोने को जितना तपाया जाता है उतना शुद्ध बनता है वैसे ही आत्मा भी तप से सात्विक और शुद्ध बन जाती है । शरीर कमजोर जरूर होता है लेकिन आत्मा मजबूत और कठोर होती है उक्त बात चातुर्मास पर विराजित कीर्ति श्री जी मासा ने अपने प्रवचन के दौरान कही । वही बताया कि जैन धर्म में जब तक का बहुत ही महत्व है । चातुर्मास के अंतर्गत विराजित अर्पण प्रज्ञा श्री जी महाराज साहब ने 15 की तपस्या पूर्ण कर आत्मा को मजबूत बनाया है । मुदिता श्रीजी मा साहब ने जिंदगी को प्रसन्न कैसे बनाएं इस पर विस्तार से अपने प्रवचन दिए। चल रहे कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार से शनिवार को महिलाओं का शिविर एवं प्रत्येक रविवार को बच्चों का सिविर आयोजित हो रहा है। मासा के दर्शनार्थ आसपास के क्षेत्र के भक्तों दर्शनार्थियों का आवागमन जारी है आवरी माता संघ के हीरालाल, चिकारड़ा संघ के शांतिलाल कोठारी , महिला मंडल के डिंपल बोहरा ,सीमा बोहरा कांता विरानी ,पिंकू शाकदीपिय, राधा कोठारी, बालिका मंडल ने अपने-अपने विचार व्यक्त किया। नीमच की शकुंतला द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी। संघ अध्यक्ष संपत लाल छाजेड़ ने सभी आगंतुकों का स्वागत सम्मान किया । प्रभावना बद्री लाल सुरेश कुमार जैन के साथ सीमा ,चतर ,शिवानी द्वारा वितरित की गई कार्यक्रम का संचालन पप्पल कुमार बोहरा ने किया ।
