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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ जिला शाखा चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव सोमवार को हुवे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रदीप पुजारी ने बताया कि न्यायिक कर्मचारी संघ जिला शाखा चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि व समय 21 जुलाई को दोपहर 1 बजे तक था। अध्यक्ष पद के लिए केवल एक नामांकन सीनियर रीडर ग्रेड प्रथम विकास बैरागी द्वारा प्रस्तुत किया गया। अन्य कोई अध्यक्ष पद के लिए आवेदन प्राप्त नहीं होने से उन्हें निर्विरोध जिला अध्यक्ष पद निर्वाचित किया गया। इससे न्यायिक कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस अवसर पर न्यायिक कर्मचारियों द्वारा व बार अध्यक्ष एसपी सिंह, पूर्व अध्यक्ष एमएस मेडतिया, पूर्व अध्यक्ष सावन श्रीमाली, योगेश दशोरा, रतनलाल कुमावत ने नवनिर्वाचित न्यायिक कर्मचारी जिलाध्यक्ष विकास बैरागी का माल्यार्पण कर मुंह मीठा कर बधाई दी। साथ ही आतिशबाजी कर खुशी जताई। इस मौके पर बैरागी ने कहा कि कर्मचारी हितों की मांगों को पूरा करना पहली प्राथमिकता रहेगी।
अनिश्चितकालीन सामुहिक अवकाश जारी
इधर, राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ द्वारा समस्त अधीनस्थ न्यायालयों के कर्मचारियो द्वारा कर्मचारियो के केडर पुर्नगठन की मांग को लेकर सभी न्यायिक कर्मचारी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर है। इसके तहत चित्तौड़गढ़ के न्यायिक कर्मचारीगण् 21 जुलाई सोमवार को भी सामूहिक अवकाश पर रहे। सोमवार से समस्त परीविक्षाधीन न्यायिक कर्मचारी भी उक्त अनिश्चितकालीन सामुहिक अवकाश में अपनी सहमति प्रदान कर शामिल हुए। इस दौरान जिला अभिभाषक संस्थान चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष एसपी सिंह राठौड ने भी कर्मचारियों की मांगों के हित में अपना समर्थन पत्र सुपुर्द किया है। जिला प्रवक्ता राजेश व्यास ने बताया कि अधीनस्थ न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में पदस्थापित सामान्य संवर्ग और आशुलिपिक संवर्ग का केडर पुर्नगठन राज्य सरकार की अधिसूचना 25 मई 2022 व चार अक्टूबर 2022 के परिपेक्ष्य में किया जाना है। उक्त अधिसूचना का प्रस्ताव राजस्थान उच्च न्यायालय में बना कर उच्च न्यायालय जोधपुर की फुल बेन्च से पास करवा कर व संबंधित जिला न्यायालय लिपिकवर्गीय संस्थापन नियम 1986 भी संशोधित करवा 6 मई 2023 को राज्य सरकार को भेजा जा चुका है। लेकिन आज दो वर्ष बाद भी राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया गया। माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर की पूर्ण पीठ से पारित आदेश की पालना सुनिश्चित नहीं कर रही है, जो संवैधानिक संस्था के आदेशों की अवहेलना है। इस दौरान इन्द्रजीत छाजेड, संजय उपाध्याय, संजय इटोदिया, प्रवीण जैन, रमेश पुरोहित, मदन शर्मा, विकास बैरागी, सुनील कौशल, अम्बुज सुहाग, वेदप्रकाश जाटव, हरिप्रसाद भाटिया, गोवर्धन प्रजापत, मोतीलाल जाट, सुरेन्द्र भाटिया, गोपाल प्रजापत, जगदीप सिरोहिया, पुनीत जैन, रमेशदान चारण, राजेन्द्र पालीवाल, श्रीराम मीणा, गोपाल रेगर, राजेश बहादुर, विनोद आचार्य, प्रवीण पोरवाल, देवीलाल सेन, नरेन्द्र सुखववाल, पंकज गोठवाल, ज्योति चौबे, सोनु तिवारी, अशोक सुखववाल, राजेश माली, योगेश सारस्वत, देवेन्द्र, रघुनाथ सिंह झाला, प्रकाश कुमावत, निजामुद्दीन, कृष्णा सिन्हा, जूली स्वर्णकार, बिन्दु पाण्डिया, लता उत्तमचंदानी, ममता, पूर्णिमा गौड़, बिन्दु यादव व समस्त न्यायिक कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
