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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। काॅलेज आयुक्तालय और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशानिर्देशों की अनुपालना में राजकीय कन्या महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ में भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र की स्थापना हुई थी। प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा ने बताया कि भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र ने अपनी स्थापना के साथ ही संस्कृत संभाषण, व्याख्यानमाला, शास्त्र प्रदर्शिनी वस्तु प्रदर्शिनी, शलाका परीक्षा, प्रश्नोत्तरी, निबन्ध प्रतियोगिता, योगाभ्यास-आयुर्वेद, सेमिनार, ज्योतिष, काल गणना आदि के द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण और संवर्धन में विशेष कार्य किया है। प्राचार्य ने यह भी बताया कि कन्या महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र की स्थापना के साथ ही नाॅडल अधिकारी के रूप में डॉ श्याम सुन्दर पारीक को नियुक्त किया गया था जिन्होंने स्थापना के साथ ही इस केन्द्र को अपने ज्ञान और कौशल से सक्रिय और रुचिकर बनाया हुआ है। भारतीय ज्ञान परम्परा विषय की गहनता और वर्तमान समय में उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भारतीय ज्ञान परम्परा विषय में भी यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन प्रारंभ किया है। पूर्व में 25 कोड और 73 कोड से दो विषयों से जेआरएफ अवार्डेड डॉ श्याम सुन्दर पारीक ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित जून 2025 की नेट परीक्षा में भारतीय ज्ञान परम्परा विषय से 98.26 परसेंटाइल स्कोर के साथ नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर महाविद्यालय और भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र का नाम रोशन किया है। महाविद्यालय स्टाॅफ, छात्राओं और प्राचार्य ने उपरणा पहनाकर डॉ श्याम सुन्दर पारीक को शुभकामनाएं दी। पारीक के शिक्षण कौशल और शिक्षण विधियों के कारण संस्कृत और भारतीय ज्ञान परम्परा में कन्या महाविद्यालय में रुझान बढ़ा है। पारीक तीन विषयों से स्नातकोत्तर और 6 बार सरकारी नौकरी में चयनित है।
