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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ द्वारा समस्त अधीनस्थ न्यायालयों के कर्मचारियो द्वारा कर्मचारियो के केडर पुर्नगठन की मांग को लेकर सभी न्यायिक कर्मचारी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर है, जिसके तहत चित्तौड़गढ़ के न्यायिक कर्मचारीगण् 22 जुलाई मंगलवार को भी सामुहिक अवकाश पर रहे। मंगलवार को भदेसर सहित अन्य मुख्यालयों के न्यायिक कर्मचारियों ने भी जिला मुख्यालय पर धरना स्थल पर सम्मिलित होकर समर्थन किया। बाद में न्यायिक कर्मचारियों ने न्यायालय परिसर से कलक्ट्रेट तक वाहन रैली निकालकर अपनी मांगो को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
जिला प्रवक्ता राजेश व्यास ने बताया कि अधीनस्थ न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में पदस्थापित सामान्य संवर्ग और आशुलिपिक संवर्ग का केडर पुर्नगठन राज्य सरकार की अधिसूचना परिपेक्ष्य में किया जाना है। उक्त अधिसूचना का प्रस्ताव राजस्थान उच्च न्यायालय में बनाकर माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर की फुल बेन्च से पास करवाकर व संबंधित जिला न्यायालय लिपिकवर्गीय संस्थापन नियम 1986 भी संशोधित करवाकर को राज्य सरकार को भेजा जा चुका है, परन्तु आज दो वर्ष पश्चात् भी राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया गया। राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर की पूर्ण पीठ से पारित आदेश की पालना सुनिश्चित नहीं कर रही है जो संवैधानिक संस्था के आदेशों की अवहेलना है।
इस दौरान इन्द्रजीत छाजेड, संजय उपाध्याय, संजय इटोदिया, प्रवीण जैन, रमेश पुरोहित, मदन शर्मा, विकास बैरागी, सुनील कौशल, अम्बुज सुहाग, वेदप्रकाश जाटव, हरिप्रसाद भाटिया, गोवर्धन प्रजापत, मोतीलाल जाट, सुरेन्द्र भाटिया, गोपाल प्रजापत, जगदीप सिरोहिया, पुनीत जैन, रमेशदान चारण, राजेन्द्र पालीवाल, श्रीराम मीणा, गोपाल रेगर, राजेश बहादुर, विनोद आचार्य, देवीलाल सेन, नरेन्द्र सुखववाल, पंकज गोठवाल, ज्योति चौबे, सोनु तिवारी, अशोक सुखववाल, राजेश माली, योगेश सारस्वत, देवेन्द्र, रघुनाथ सिंह झाला, सुशील तिवारी, प्रवीण पोरवाल, प्रकाश कुमावत, निजामुद्दीन, कृष्णा सिन्हा, जूली स्वर्णकार, बिन्दु पाण्डिया, लता उत्तमचंदानी, ममता, पूर्णिमा गौड़, बिन्दु यादव व समस्त न्यायिक कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

