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इन लैब से आने वाली पीढ़ी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इजीनियरिंग और गणित का अध्ययन कर सकेगी

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक ने, अपने संचालन क्षेत्र के आस पास स्थित राजकीय विद्यालयों में एसटीईएम लैब की स्थापना की पहल के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा में नए मानक स्थापित कर रही है। सोसाइटी फॉर ऑल राउंड डेवलपमेंट के सहयोग से, कंपनी इमर्सिव, तकनीक-सक्षम शिक्षण स्थान बना रही है जो छात्रों के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के साथ जुड़ने के तरीके को बदल रहे हैं।
जयपुर, उदयपुर, चित्तौडढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, बांसवाड़ा एवं राजस्थान के 25 जिलो से वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों, जिनमें जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सहित लगभग 33 सदस्यों के दल ने उदयपुर में हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा बिछडी और जिं़क स्मेल्टर देबारी में स्थापित एसटीईएम लैब का दौरा किया। इस उच्च-स्तरीय दौरे ने भविष्य की सीखने की तकनीकों का वास्तविक अनुभव दिया।
हिंदुस्तान जिंक ने अनुभवात्मक और तकनीक-सक्षम शिक्षा के माध्यम से राजकीय विद्यालयों की शिक्षा को बदलने के उद्देश्य से चार इमर्सिव एसटीईएम, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित लैब स्थापित की गयी हैं। इनमें उदयपुर में दो मॉडल लैब राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बिछड़ी, डबोक और जिंक स्मेल्टर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में, साथ ही उत्तराखंड के पंत नगर में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में एक एकीकृत विज्ञान लैब शामिल है। प्रत्येक लैब उन्नत डिजिटल उपकरणों, बेहतर बुनियादी ढांचे और । एआर विआर जैसी इमर्सिव तकनीकों से लैस है, जिन्हें विज्ञान शिक्षा को आकर्षक, सुलभ और भविष्य के लिए डिजाइन किया गया है।
एसटीईएम लैब आधुनिक बुनियादी ढांचे को अत्याधुनिक शैक्षिक प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ते हुए इमर्सिव इनोवेशन हब के रूप में डिजाइन की गई हैं। पुनर्निर्मित क्लासरूम, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, फर्नीचर और बिल्डिंग एज लर्निंग एड अवधारणाओं का उपयोग कर इंटरैक्टिव भित्ति चित्रों के साथ निर्मित है। एआई सक्षम इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल, विज्ञान और गणित विषयों में 5,000 से अधिक डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल तक पहुंच के साथ उपलब्ध है। ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी सामग्री, जटिल अवधारणाओं को सरल बनाने के लिए उन्नत वीआर हेडसेट और एआर सिमुलेशन का उपयोग हो सकेगा। थीमैटिक कॉर्नर, टॉकिंग वॉल्स, और हैंड-ऑन माइक्रो-मॉडल, जो सीखने को आकर्षक और संबंधित बनाते हैं।
यह पहल न केवल आधुनिक लैब बनाती है बल्कि इमर्सिव और अनुभवात्मक शिक्षण पद्धतियों में शिक्षकों के प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता निर्माण भी सुनिश्चित करती है। छात्रों को कार्यशालाओं, विज्ञान मेलों, हैकथॉन और हिंदुस्तान जिंक के विशेषज्ञों के साथ नियमित जुड़ाव से लाभ होता है, जिससे उन्हें वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों और भविष्य के करियर को खोजने में मदद मिलती है।
एसटीईएम लैब जैसी पहलों के माध्यम से, हिन्दुस्तान जिं़क समग्र सामुदायिक विकास, शिक्षा को बढ़ावा देने, कौशल निर्माण, स्थायी आजीविका को सक्षम करने, महिलाओं को सशक्त बनाने, स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने और पर्यावरण को संरक्षित करने के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना जारी रखे हुए है। 2,300 से अधिक गांवों में अपनी उपस्थिति के साथ और 23 लाख से अधिक लोगों के जीवन को छूते हुए, कंपनी समावेशी विकास और दीर्घकालिक सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है।

