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सीधा सवाल। निंबाहेड़ा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वैदिक संस्कृति का अपना विशिष्ठ स्थान रहा हैं। इसी कड़ी में लुप्त होती वैदिक संस्कृति को पुर्नजीवित करने में श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय का अनुकरणीय प्रयास सराहनीय हैं। मुख्यमंत्री शर्मा अपने निंबाहेड़ा प्रवास के दौरान कल्लाजी वेदपीठ एवं कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय द्वारा उनका सम्मान करने के दौरान यह उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक मात्र वैदिक संस्कृति के उन्नयन का स्त्रोत कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय को विकसित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सकारात्मक सहयोग किया जाएगा। इस मौके पर विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन कैलाशचन्द्र मून्दड़ा के नेतृत्व में वेदपीठ के 21 बटुकों द्वारा वैदिक संस्कृति के प्रतीक स्वस्ति वाचन कर मुख्यमंत्री शर्मा को जब मेवाड़ी साफा पहनाकर ठाकुर श्री कल्लाजी की छवि भेंट की गई, तो मुख्यमंत्री ने आत्मिक भाव से उसे स्वीकार करते हुए कहा कि ठाकुर श्री कल्लाजी की वजह से कल्याण नगरी प्रदेश में अपनी विशिष्ठ पहचान बना रही हैं। इस मौके पर विधायक श्रीचंद कृपलानी ने वेदपीठ के ढ़ाई दशक की विकास यात्रा के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2002 में वेदपीठ स्थापना के साथ ही निशुल्क आवासीय वेद विद्यालय का संचालन किया जा रहा हैं। वहीं 2018 में वैदिक विश्वविद्यालय की स्वीकृति के बाद पिछले पांच वर्षों से यह विश्वविद्यालय जन सहयोग के साथ संचालित किया जा रहा हैं। चेयरपर्सन मून्दड़ा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वैदिक विश्वविद्यालय में राज्य सरकार की स्वीकृति के साथ ही शीघ्र ही आयुर्वेद महाविद्यालय भी प्रारंभ किया जाएगा। जिसके लिए जन सहयोग के साथ साथ राज्य सरकार द्वारा भी आर्थिक एवं हर संभव सहयोग अपेक्षित हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्री कल्लाजी के प्रति अपनी अगाध आस्था प्रकट करते हुए सभा संचालन के प्रारंभ में ही कल्लाजी राठौड़ का जयकारा लगाकर अपनी बात प्रारंभ की। वहीं मंच संचालन करते हुए पूर्व विधायक अशोक नवलखा ने भी कल्याण नगरी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री का आत्मिक स्वागत किया।
