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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शहर स्थित एक गरीब परिवार में श्रमिक मुखिया की मृत्यु पर उसकी पुत्रियों ने अर्थी को कंधा देकर अंतिम यात्रा में भाग लिया और मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
जानकारी के अनुसार शहर के कुमावत मोहल्ला निवासी 48 वर्षीय कैलाश चन्द्र सोनी पिता जगदीश सोनी कुछ दिनों से बीमार थे। उनकी मृत्यु 25 जुलाई को हो गई थी। स्व. कैलाश चन्द्र सोनी की पांच पुत्रियां हैं। जिसमें हेमलता, लता, डिम्पल, पूजा और खुशी सोनी हैं। हेमलता ई मित्र ऑपरेटर हैं, तो लता प्राइवेट ट्यूशन टीचर हैं वहीं डिम्पल, पूजा, खुशी छात्रा हैं।
उनके पिता की ही इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार सभी बेटियां मिलकर करें। ऐेसे में पिता की मौत के बाद वो सभी एक साथ उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुईं और मुखाग्नि दी। जब वारिस के तौर पर पिता को कंधा देने की आई तो शिक्षाविद एवं समाज के लोगों ने मृतक की बेटियों को अपने पिता के शव को कंधा देने की प्रेरणा दी। जिस पर पिता के शव को कंधा देकर पुत्रियों द्वारा ही अंतिम संस्कार की समस्त जिम्मेदारियों का निर्वहन किया गया। अब परिवार की समस्त जिम्मेदारी माता तारा सोनी व बड़ी बेटियों पर आ गई।
