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सीधा सवाल।चित्तौडग़ढ़। शहर के खाऩकाहे अशरफीया छीपा मोहल्ला में सज्जादानशीन हाजी मोलाना मोहम्मद यूसुफ अशरफी की सरपरस्ती व शहर क़ाज़ी अब्दुल मुस्तफा चिश्ती करीमी की सदारत में दो दिवसीय सैय्यद मख्दुम अशरफ जहांगीर सिमनानी रदियल्लाहो अन्हु का 639 वां उर्स मनाया गया।
मौलाना जुनेद अशरफी ने बताया कि सैय्यद मख्दुम अशरफ जहांगीर सिमनानी रदियल्लाहो अन्हु के 639 वें उर्स के पहले दिन बुधवार रात्रि बाद नमाज़ ईशा खाऩकाहे अशरफीया पर सज्जादानशीन हाजी मोलाना मोहम्मद यूसुफ अशरफी की सरपरस्ती, शहर क़ाज़ी अब्दुल मुस्तफा चिश्ती, मोलाना उमेर अशरफी की सदारत में महफिले मिलाद शरीफ का आयोजन किया गया। जिसमें मोलाना जुनेद अशरफी, मोलाना उमेर अशरफी, जुनैद बरकाती, फैज़ल क़ादरी, नूरूद्दीन बस्तवी, मुराद खान अशरफी ने नाते पाक व मनक़बते मख़्दुम पाक पढ़ी। इस दौरान मोलाना मुहम्मद जुबेर अशरफी अज़हरी ने सरकार मख्दुम पाक की स्वानेह हयात पर रोशनी डालते हुए बताया कि जब कोई मांगने वाला तुम्हारे दरवाज़े पर आए तो उसे खाली हाथ न लौटाओ। उर्स के दूसरे दिन 24 जुलाई गुुरुवार को दरगाह शरीफ हजऱत सैय्यद सरदार अहमद अशरफी में क़ुरआन ख़्वानी और कुल शरीफ की महफि़ल का आयोजन हुआ। जिसमें मोलाना अहसान, जुनैद बरकाती, हाफिज़़ फ़ैज़ अहमद अशरफी ने नात शरीफ व मनक़बत के कलाम पेश किए और मोलाना खलील, हाफिज़़ ज़ाकिर, मोलाना असलम सहित कई मोलानाओं ने अपने कलाम पेश किए। सज्जादानशीन हाजी मुहम्मद यूसुफ अशरफी ने दरूद ताज व शिजरा पढ़ा। शहर काज़ी अब्दुल मुस्तफा चिश्ती व मोलाना उमेर अशरफी ने ईसाले सवाब पेश किया और मोलाना मोहम्मद जुनैद अशरफ ने देश दुनिया में अमन चैन और सभी की खुशहाली की दुआ मांगी। आखिर में कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन हुआ। इस मौके पर मोलाना जुबैर अशरफी, मोलाना खुदा बख्श, मोलाना रईस अहमद, मोलाना खलील, मोलाना असलम, मोलाना रजाउल मुस्तफा, हाफिज़़ जाफर, अशरफी जमात के सरपरस्त गुलाम नबी चाचा, अशरफी जमात के सेके्रट्री मोहम्मद शाहिद अशरफी, खजांची मोहम्मद अशरफ भाटी, मोहम्मद फैज़ान, ज़ाकिर खान, मोहसिन अशरफी, मुहम्मद वाहिद खान, फरदीन खान, मुहम्मद राशिद खान, मुहम्मद मोहसिन अशरफी, मुहम्मद उमर, मुहम्मद यूसुफ छीपा, मोहम्मद इस्माइल मंसूरी, अशरफ (एविस टेलर), सईद भाई, इक़बाल क़ादरी, काशीफ अशरफी, सलाम हुसैर्न, वसीम अशरफी, मोहम्मद अमान खान, शाह हुसैन अशरफी, शोएब अशरफी, असलम खान सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।
