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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। प्रदेश में उन्नत कृषि तकनीकों के विस्तार, नवाचारों को बढ़ावा देने एवं प्रगतिशील कृषकों की प्रेरणादायक पहल का प्रत्यक्ष अवलोकन करने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य के कृषि एवं उद्यानिकी आयुक्त चिन्मय गोपाल ने चित्तौड़गढ़ जिले के विभिन्न कृषकों के खेतों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने आधुनिक तकनीकों से की जा रही खेती, विविध फसलों के संयोजन और कृषि आधारित इकाइयों का गहन निरीक्षण कर संबंधित कृषकों की सराहना की।
जयसिंहपुरा में सीताफल की 12 किस्में, पालीहाउस व वर्मी कम्पोस्ट का निरीक्षण
गोपाल ने अपने दौरे की शुरुआत ग्राम जयसिंहपुरा निवासी प्रगतिशील कृषक नंदलाल धाकड़ के कृषि फार्म से की, जहां उन्होंने सीताफल के बगीचे की 12 विभिन्न किस्मों का निरीक्षण किया। कृषक द्वारा सीताफल की उन्नत प्रजातियों के परीक्षण एवं उत्पादन की जानकारी दी गई। इसके पश्चात आयुक्त ने फार्म में स्थित पालीहाउस में उगाए जा रहे बंगाली पान, नर्सरी, वर्मी कम्पोस्ट इकाई, एवं गोबर गैस संयंत्र का अवलोकन किया।
आयुक्त गोपाल ने कृषक नंदलाल से सभी नवाचारों की विस्तार से जानकारी ली एवं उनकी इस बहु-आयामी कृषि प्रणाली की प्रशंसा करते हुए निर्देश दिए कि ऐसे प्रयासों को अन्य कृषकों तक पहुंचाया जाए, जिससे वे भी तकनीकी रूप से समृद्ध एवं आत्मनिर्भर बन सकें।
श्रीपूरा ग्राम में बहुविध फसलों की खेती ने खींचा ध्यान
इसके उपरांत आयुक्त गोपाल ने कनेरा के समीप ग्राम श्रीपूरा में प्रगतिशील कृषक श्री नेमीचंद धाकड़ के फार्म का निरीक्षण किया। इस फार्म पर उन्होंने सीताफल, आम, अमरूद के बगीचे, सफेद मूसली की खेती, स्ट्रॉबेरी की नर्सरी, सीताफल एवं आम की नर्सरी, धनिया और टमाटर की खेती का अवलोकन किया। उन्होंने जैविक विधियों से की जा रही खेती, जल प्रबंधन और उत्पादन पद्धति की जानकारी लेकर इसे कृषि नवाचार का मॉडल बताया।
आयुक्त ने नेमीचंद धाकड़ की जैविक और मिश्रित खेती के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे किसान प्रदेश में आधुनिक एवं लाभकारी खेती की मिसाल हैं, जिनके प्रयास अन्य किसानों को नई दिशा प्रदान कर सकते हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ निरीक्षण
इस निरीक्षण दौरे के दौरान कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के इंद्र कुमार संचेती – अतिरिक्त निदेशक, दिनेश कुमार जागा – संयुक्त निदेशक, महेश चंद्र चेजारा – संयुक्त निदेशक, उद्यान, डॉ. शंकरलाल जाट –उपनिदेशक, उद्यान, प्रेमचंद वर्मा – परियोजना निदेशक, आत्मा, डॉ. राजेन्द्र कुमार सामोता – उपनिदेशक योजना, कृषि आयुक्तालय, लक्ष्मी कुवंर राठौड़ – उपनिदेशक, रमेशचंद्र आमेंटा – कृषि अनुसंधान अधिकारी, अंशु चौधरी एवं सुनीता डीडवानिया – सहायक निदेशक, गोपाललाल शर्मा – कृषि अधिकारी प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे।
नवाचारों को प्रोत्साहन देने पर बल
निरीक्षण के अंत में आयुक्त
गोपाल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे प्रगतिशील फार्मों का दर्शन भ्रमण कार्यक्रम अन्य कृषकों के लिए आयोजित किया जाए ताकि मॉडल फार्मिंग की तकनीक, फसल विविधीकरण, जैविक उत्पादन और संसाधनों के स्मार्ट उपयोग की जानकारी अधिकाधिक कृषकों तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र को नवाचार आधारित उद्योग का रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में प्रगतिशील कृषकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

