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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। योगासन भारत के तहत जिलास्तरीय योगासन प्रतियोगिता का समापन शुक्रवार 25 जुलाई को मेवाड़ विश्वविद्यालय के प्रांगण में विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. डॉ आलोक मिश्रा की अध्यक्षता एवं आरवाईएसए शाखा चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष किशन पिछोलिया के मुख्य आतिथ्य में हुआ।
इस दौरान मुख्य अतिथि पिछोलिया ने बताया कि वर्तमान समय में योगासन एक ऐसी प्रक्रिया है जो आने वाली पीढ़ी को संवारने का काम कर रही है। कई बीमारियों का निदान योग से ही किया जा रहा है। चित्तौड़ जिले में कई जगह योग कक्षा संचालित हो रही है। आज का बालक अल्प आयु में ही जटिल बीमारियों से ग्रस्त हो रहा है। अगर नवयुवक योग करेंगे तो स्वस्थ रहेंगे।
आरवाईएसए शाखा चित्तौड़गढ़ के सचिव एवं एवं योग गुरु सुरेश शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता प्रातः 10 बजे प्रारंभ हुई जिसमें लगभग 75 बच्चों ने भाग लिया। संपूर्ण प्रतियोगिता 6 आयु वर्ग में हुई जिसमें 10 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र के प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह प्रतियोगिता 10 इवेंट में पूरी की गई। गोल्ड मेडल विजेता सभी खिलाड़ी राज्य स्तर पर भाग लेंगे। संपूर्ण प्रतियोगिता टेक्निकल हेड एवं कोषाध्यक्ष देवराज सिंह भाटी के देखरेख में संपन्न हुई।
विश्वविद्यालय में योगासन विभाग के विभाग अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस प्रतियोगिता के सफल संचालन से अगले वर्ष राज्य स्तरीय प्रतियोगिता भी मेवाड़ विश्वविद्यालय में करवाने पर विचार होगा। जिसे सुनकर सभी बच्चों ने तालियां बजाकर स्वागत किया।
प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार रहा ट्रेडिशनल में 10 से 14 वर्ष तक पुरुष वर्ग में संचित, महिला वर्ग में कशिश, 14 से 18 वर्ष के पुरुष वर्ग में प्रियांशु, महिला में गुंजन, 18 से 28 वर्ष में तुषार और वर्षित, 35 से 45 वर्ष में गोदारा और रीना, 45 से 55 वर्ष महिला वर्ग में ममता ने स्वर्ण पदक जीता। इसी प्रकार फारवर्ड बंद में 10 से 14 वर्ष में सचिन और कशिश, 14 से 18 वर्ष में अपूर्वा, 18 से 28 वर्ष में शुभम, टीना, 28 से 35 वर्ष में गोदारा, रीना, 35 से 45 वर्ष में रवि और रूपल ममता ने स्वर्ण पदक जीते। बैक बेंडिंग में पुरुष और महिला वर्ग 10 से 14 वर्ष हृदय और सिद्धि ने स्वर्ण पदक जीते। ट्विस्टिंग में 10 से 14 वर्ष में संकट और कशिश, 14 से 18 में गुंजन 18 से 28 में शुभम नवज्योति, 28 से 35 में गोदारा, 35 से 45 में जोगिंदर रानू ने स्वर्ण पदक जीते। स्वपिंग मैं 10 से 14 वर्ष संकेत, सिद्धि 14 से 18 गुंजन, 18 से 28 वर्ष में शुभम, हर्षित, 28 से 35 वर्ष में गोदारा, 45 से 45 योगेंद्र रूपल ने स्वर्ण पदक जीते और बैलेंस में 18 से 28 वर्ष में स्वतंत्रता लेके बैलेंस में 10 से 14 वर्ष में सचिन रक्षित, 14 से 18 वर्ष में अपूर्व 18 से 28 वर्ष में बप्पा बर्मन न्याती शर्मा ने स्वर्ण पदक जीता। आर्टिस्टिक सिंगल में 10 से 14 वर्ष में सचिन, कशिश 14 से 18 वर्ष में हंसिका भांभी, 18 से 28 वर्ष में बप्पा बर्मन ने स्वर्ण पदक जीते। आर्टिस्टिक पेयर 14 से 18 वर्ष में अपूर्व और खांसीका, 18 से 28 वर्ष में दुर्गा और हर्षिता ने स्वर्ण पदक जीते। रिदमिकपेयर में 14 से 18 वर्ष में अपूर्वा और हंसिका ने स्वर्ण पदक जीते।
प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर के जज देवराज सिंह भाटी, प्रतीक आमेटा, आदित्य आंजना, पूनम तंवर, दीक्षा शर्मा, शैली सोलंकी, अभिषेक भण्डारी, आयुषी धाकड़, साक्षी धाकड़, वंदना वैष्णव, अनुसूया चुंडावत, तुषार पुरोहित का सहयोग रहा।
