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30 -30 किलोमीटर तक दौड़ लगा रहे हैं किसान

सीधा सवाल। चिकारड़ा। यूरिया खाद को लेकर चिकारड़ा सहित क्षेत्र में किसान वर्ग परेशान होता दिखाई दिया। किसान भेरूलाल ने बताया कि यूरिया खाद की कमी के चलते ग्रामीण किसानों को पता चलता है कि 50 किलोमीटर पर भी खाद मिल रहा है तो वह ना तो रात देखा है और ना दिन ना बरसात ना सर्दी और ना गर्मी और चल पड़ता है खाद लेने की और। खाद के लिए किस को किसी भी प्रकार का संघर्ष करना हो तो करने को तैयार रहता है। जबकि एक तरफ सरकार कह रही है कि किसानों के लिए खाद की कोई कमी नहीं है दूसरी ओर पहलू देखे तो किसान खाद की लाइन में खड़ा नजर आता है जिसमें लड़ाई झगड़ा धक्का मुकी चलती रहती है 2 घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद पता चलता है कि खाद खत्म हो गया है उसे समय उसे किस की क्या स्थिति बनती है यहां यह सोचने वाली बात है। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि ब्लैक में खाद चाहे जितना ले सकते हैं लेकिन उचित मूल्य पर खाद बहुत मुश्किल से मिलता है। इसके लिए भी लाइनों में घंटो खड़े रहना पड़ता है। चिकारड़ा में कई दुकानें हैं लेकिन खाद नदारत है। मक्का की फसल में इस वक्त यूरिया की प्रचंड जरूरत रहती है। किसान करे तो क्या करें एक तरफ खाद नहीं मिलता दूसरी तरफ इंद्रदेव रुष्ट हो जाते हैं। बरसात आई तो खाद नहीं मिलता और खाद मिलता है तो बरसात नहीं आती। इसके चलते किसानों को फसलों में नुकसान जालना पड़ रहा है किसानों ने शीघ्र खाद उपलब्ध करवाने की मांग की।