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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शहर में नगर परिषद के अस्थिर होने से आम जनता परेशान है। इनकी परेशानी को दीपावली जैसे त्यौहार पर भी देखने वाला कोई नहीं है। नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी भी केवल टेंडर कर अपने कार्य की इतिश्री कर रहे हैं। इनकी मॉनिटरिंग तक नहीं हो रही है कि कार्य किस तरीके से हो रहे हैं। इसकी बानगी शहरी क्षेत्र में देखने को मिल रही है और बिना किसी कारण से जाम की स्थिति बनी हुई है। यही जनता की परेशानी का कारण है। जानकारी में सामने आया कि शहर में इन दिनों दीपावली की सजावट चल रही है तो वहीं लंबे समय से नींद में सोई नगर परिषद की आंखें भी अब खुली और पेचवर्क का कार्य शुरू कर दिया गया है। समय का ध्यान नहीं रखा जा रहा है और नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों तथा ठेकेदार की अपने केवल खुद की सुविधा तक ही सीमित रहने के कारण शहर की जनता परेशान है। शहर में लंबा जाम लगा हुआ है। इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। दीपावली की तैयारी को लेकर जो सजावट की जा रही है उसमें गंभीर नदी पुलिया पर सजावट हो रही है। ऐसे में एक पूल को बंद कर दिया गया है। वही एक पूल जनता की आवाजाही के लिए खोल रखा है। लेकिन इसमें भी सामंजस्य नहीं रखा और सहकार सर्कल से यातायात को डाइवर्ट नहीं किया गया। इसके कारण सारा दबाव गंभीर नदी पूल के एक साइड पर है। इससे मौके पर जाम लगा हुआ है। इसे देखने वाला कोई नहीं है। यहां रोडवेज सहित अन्य वाहन तो जाम में फंसे हुवे हैं, पुलिस के वाहन भी अटक गए है। बड़ी बात यह है कि जिस ठेकेदार को सजावट का काम दिया गया है ना तो उसे और ना ही नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों को इस बारे में कोई सरोकार है। ठेकेदार ने अपने स्तर पर ही गंभीर नदी पुलिया पर एक लेने को बंद कर दिया है यह कार्य रात में भी हो सकता है। लेकिन केवल मजदूरी बचाने के चक्कर में जनता को परेशान किया जा रहा है। यहां करीब एक से दो घंटे हो गए जाम की स्थिति बनी हुई है। यहां ना तो कोतवाली थाना पुलिस मौके पर मौजूद है नहीं यातायात थाना पुलिस मौके पर है। वहीं दीपावली के त्यौहार सीजन में अपने काम लेकर निकली आम जनता जाम में फंसी हुई है। इधर, जानकारी मिली है कि दीपावली के ठीक पहले नगर परिषद की नींद खुली और जगह-जगह विभिन्न स्थानों पर पड़े गड्ढों में पेचवर्क भरा जा रहा है। इसमें भी समय का ध्यान नहीं रखा जा रहा है, जिसके कारण कई बार जाम की स्थिति सामने आ रही है।