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सीधा सवाल। चितौड़गढ़। वैसे तो आए दिन चित्तौड़गढ़ के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूलों का निरीक्षण कर शिक्षकों और कार्मिकों को समय पर आने के लिए पाबंद किया जाता है और कार्रवाई की जानकारी भी मीडिया के माध्यम से दी जाती है लेकिन इस विभाग के जिम्मेदार के खुद के कार्यालय में ही ना तो समय पर ताले खुल रहे हैं और ना ही कर्मचारी मौजूद है। दरअसल लंबे समय से के कार्यालय राम भरोसे चलता प्रतीत हो रहा है। शनिवार रविवार की छुट्टी के बाद जब सोमवार सुबह कार्यालय का नजारा देखा गया तो यह नजारा हैरान करने वाला सामने आया। वैसे तो राज्य सरकार ने सुबह 9:30 बजे कार्यालय में कर्मचारियों को पहुंचने के निर्देश दे रखे हैं लेकिन इस कार्यालय में सुबह 10:00 बजे तक भी कर्मचारी नहीं पहुंचे। स्थिति ऐसी है कि यहां ना तो कोई जवाब दे कर्मचारी है ना ही कोई अधिकारी मौके पर केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रमेश चंद्र के अलावा सिर्फ दो अन्य कर्मचारी मौजूद मिले ऐसी स्थिति से स्पष्ट है कि जिले में शिक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाला है कार्यालय खुद ही समय की पाबंदी को लेकर जिम्मेदार नहीं है ऐसे में देखने वाली बात होगी की मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार जो आए दिन किसी ने किसी स्कूल में जा धमकते हैं और कर्मचारियों को समय पर आने के लिए पाबंद करते दिखाई देते हैं उनके खुद के कार्यालय की यह तस्वीर किस प्रकार कार्य करने के लिए प्रशासन और जिम्मेदारों को प्रेरित करती है यह देखने वाली बात होगी फिलहाल दूसरों के कार्यालय में जाकर अनुपस्थित लगाने वाले मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय के कितने कर्मचारी की अनुपस्थिति लगते हैं यह भी देखने वाली बात होगी।