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हरि नाम से मनुष्य प्राणी का कल्याण हो जाता है – श्री माधवप्रपन्नाचार्य जी

सीधा सवाल। निंबाहेड़ा। निंबाहेड़ा के आर के कॉलोनी में भराड़िया परिवार मिठाई वालो के तत्वाधान में आयोजित की जा रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा गंगा यज्ञ के पंचम दिवस कथा व्यास डॉ श्री श्री 1008 श्री माधव प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया। भगवान श्री कृष्ण की मनोरम झांकी का अवलोकन कराया। कथा व्यास ने कृष्ण जन्म कथा के बाद कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध, यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गो प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी, गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया। उन्होंने कहा कंस का आमंत्रण मिलने के बाद भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी के साथ मथुरा को प्रस्थान करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजन पर श्रोता भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने बताया कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती हैं। कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मानस पुण्य तो सिद्ध होते हैं, परंतु मानस पाप नहीं होते। कलयुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता हैं। कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी हैं। सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव हैं। महाराज ने कहा कि आज कल की युवा पीढ़ी अपने धर्म अपने भगवान को नही मानते हैं, लेकिन तुम अपने धर्म को जानना चाहते हो तो पहले अपने धर्म को जानने के लिए गीता, भागवत, रामायण पढ़ो तो, तुम नहीं तुम्हारी आने वाली पीढ़ी भी संस्कारी हो जाएगी। ब्रजवासियों ने इंद्र की पूजा छोडकर गिर्राज जी की पूजा शुरू कर दी, तो इंद्र ने कुपित होकर ब्रजवासियों पर मूसलाधार बारिश की, तब कृष्ण भगवान ने गिर्राज को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का मान मर्दन किया तब इंद्र को भगवान की सत्ता का अहसास हुआ और इंद्र ने भगवान से क्षमा मांगी व कहा हे प्रभु मैं भूल गया था कि मेरे पास जो कुछ भी हैं वो सब कुछ आप का ही दिया हैं। कथा में राधे कृष्ण गोविंद गोपाल वेंकटेश भगवान के भजनों के ऊपर भक्तों ने खूब आनंद उठाया। भराड़िया परिवार द्वारा द्वारा ठाकुर जी को छप्पन भोग धराया गया। इस मौके पर आयोजक भराड़िया परिवार के सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत किया।