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ऑटोमेशन के लिए 91 हेक्टेयर के लिए 26.85 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा, 91 हैक्टेयर एरिया का लक्ष्य दिया

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजस्थान सरकार कृषि सेक्टर में युवाओं को जोड़ने के लिए नई तकनीकों पर फोकस कर रही है। ताकि इससे युवा भी कृषि से जुड़कर इस सेक्टर में नया बूम लेकर आएं। इसके लिए उद्यान निदेशालय की और से खेती में ऑटोमेशन, फर्टिगेशन और समुदाय आधारित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) समाधान परियोजना लागू की जा रही है। इन तकनीकों के कृषि सेक्टर में उपयोग होने से बिजली, पानी व खाद की बचत होगी।
उपनिदेशक उद्यान डॉ० शंकर लाल जाट ने बताया कि राजस्थान में सूखाग्रस्त एरिया ज्यादा होने नई तकनीक में बूंद-बूंद पानी के उपयोग पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किए गए है।
इसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से किसानों को योजना का फायदा दिया जाएगा। जिले में ऑटोमेशन के लिए 91 हेक्टेयर एरिया के 26.85 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा, फर्टिगेशन के लिए जिले को 57 हैक्टेयर एरिया का लक्ष्य दिया गया है।
क्या है ऑटोमेशन व फर्टिगेशन कार्यक्रम
केंद्र सरकार से जारी पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना-के तहत ऑटोमेशन कार्यक्रम के लिए ऑटोमेशन कम्पोनेंट के लिए किसान को प्रति हैक्टेयर 40 हजार रुपए मिलेंगे कृषक हिस्सा राशि जमा करानी होगी एवं विभाग की ओर से लाभार्थी को अनुमोदित लागत का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इस योजना में 0.40 से 5 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए 2 लाख मिलेंगे। इस तकनीक में कंट्रोलर, सेंसर, सोलोनाइड वॉल्व, फिल्टर्स व अन्य माध्यमों से ड्रिप सिंचाई संयंत्रों का स्वचालन किया जाता है। ताकि अधिक से अधिक लाभ मिल सकें और उत्पादन भी अच्छा रहे। इसी प्रकार फर्टिगेशन में फसल को वांछित पोषक तत्वों की आपूर्ति ड्रिप सिचाई प्रणाली के माध्यम से सिंचाई के साथ जल विलेयक या तरल उर्वरक की ओर से सीधे ही पौधे की जड़ तक भेजा सकेगा। इस तकनीक से उर्वरक का प्रभावी रूप से उपयोग हो सकेगा।