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सीधा सवाल। कानोड़। बाबा रामदेव आश्रम नवानिया के संत भेरू महाराज ने गुरुवार को सैकड़ों शिष्यगणो के साथ संत धुंधलीमल स्वामी धूणी बांसी पहुंच कर दर्शन किए। मिली जानकारी के अनुसार संत भेरू महाराज नवानिया आश्रम से बांसी धूणी दर्शन के लिए पैदल अपने शिष्यो के साथ मंगलवार सुबह रवाना हुए । जिन्होंने रात्रि विश्राम खेरोदा में किया। दुसरे दिन बुधवार को प्रात: खेरोदा से रवाना हुए जो शाम को कानोड़ पहुंचे। कानोड़ में पहुंचने पर संत भेरू महाराज सहित पूरे संघ का प्रमोद भोपा जी के यहां पर जोरदार स्वागत किया गया। कानोड़ में भोजन प्रसादी व सत्संग का आयोजन के साथ रात्रि विश्राम किया। तीसरे दिन गुरुवार को कानोड़ से प्रात रवाना हुए जो दिन में करीब 3 बजे बांसी धूणी पर पहुंचे। मेन रोड पर संत धुंधलीमल स्वामी सेवा समिति और भगालाल गायरी धरियावद, मोहन माराज सहित समस्त शिष्यगणो द्वारा अगवानी करते हुए फूल मालाओं, गुलाब पंखुड़ियों से जोरदार स्वागत किया गया। बाद में मुख्य मंदिर धूणी परिसर में पुजारी वीरेंद्र पूरी सहित पुजारी परिवार ने भी संत भेरू महाराज का स्वागत कर दर्शन करवाए। तत्पश्चात अखिल भारतीय धनगर मेवाडा गाडरी समाज की सराय में संत भेरू महाराज ने हवन किया और भजन कीर्तन भी हुए। स्वागत, दर्शन के बाद में भगालाल गायरी धरियावद की ओर से भोजन प्रसादी का आयोजन किया। सभी श्रद्धालूओ दर्शन कर भोजन प्रसाद का लाभ लिया। इस दौरान संत धुंधलीमल सेवा समिति बांसी धूणी सहित सर्व समाज के सैकड़ों महिलाएं, पुरुष, बच्चे मौजूद रहे।
दर्जनों जगह पर यात्रा का किया स्वागत - बाबा रामदेव आश्रम नवानिया के संत भेरू महाराज की पदयात्रा का खेरोदा, भींडर, खेताखेड़ा, कानोड़, बिलिया बावजी, लूनदा, मालनावास, महुडा, बांसी सहित कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने जोरदार स्वागत किया। भक्तो ने स्वागत में पलक पावड़े बिछाए कर संत भेरू महाराज के दर्शन किए।
अब तक यहां की विभिन्न पैदल यात्राएं- संत भेरू महाराज बाबा रामदेव आश्रम नवानिया से प्रतिवर्ष रामदेवरा(रूणिजा), द्वारिकाधीश गुजरात और संत धुंधलीमल स्वामी धूणी बांसी धूणी की अपने शिष्यगणों के साथ पैदल यात्रा करते है। संत भेरू महाराज ने बताया कि अब तक रामदेवरा की 59वी बार, द्वारिकाधीश की 21वी बार व संत संत धुंधलीमल स्वामी धूणी बांसी धूणी की 13वी बार पदयात्रा कर चुके है। दो बार नवानियां से द्वारिकाधिश की यात्रा में वापसी भी पदयात्रा से ही की थी। हर वर्ष तीनो यात्राएं पूरी होने के बाद माघ बीज पर नवानिया आश्रम पर विशाल सत्संग , परसादी का आयोजन होगा।