चित्तौड़गढ़ / डूंगला - सनातन धर्म की पताका फहरानी है तो गौ माता की पूजा करनी होगी - कृष्ण किंकर महाराज
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सीधा सवाल। डूंगला। श्री नागेश्वर पश्चार्यनाथ गौशाला बांसड़ा में आयोजित अंतिम दिवस की श्री राम कथा के पावन अवसर पर कथा प्रवक्ता कृष्ण किंकर महाराज ने बताया कि जिस प्रकार एक गाय का बछड़ा सैकड़ो गायों में से घूमता ढूंढता हुआ उसे गौ के पास पहुंच जाता है । इस तरह भक्त को भी भगवान के पास दौड़े दौड़े जाना चाहिए । मंदिर में जाना पड़ेगा भगवान अपने घर मंदिर से नहीं आएंगे। लेकिन प्रभु श्री राम समस्त चराचर जीवन को दर्शन करने हेतु वनवास को आए सभी के दुखों को दूर किया । गौ माता के संकट को हर कर उन्हें स्वतंत्र विचरण कराया। जीवन में परमात्मा ने भी तीन व्यक्तियों का सदैव सम्मान और सत्कार किया । जिन व्यक्तियों ने ब्राह्मण गाय और संत सेवा का जिसने लाभ लिया वह जीवन में कभी भी उदास नहीं हुआ । इसलिए जीवन में गाय ब्राह्मण और संतों की सेवा का संकल्प लेना चाहिए। हिंदू राष्ट्र में अगर शांति चैन और सनातन धर्म की पताका फहरानी है तो गाय के बिना अधूरी है । इसलिए सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए गौ माता की सेवा का संकल्प ले। आज कथा में उप जिला कलेक्टर रमेश चंद्र बहड़िया भिंडर, रमेश कुमार सीरवी मावली, महेश कुमार उपाध्याय वरिष्ठ प्रबंधक राजस्थान रोडवेज राजसमंद ने गौ माता का पूजन कर गौ माता से आशीर्वाद लिया। मकर संक्रांति के अवसर पर गौ भक्त प्रेमियों ने गो वंश को यथायोग्य चारा गुड़ का भोग लगाया। गौशाला में विगत वर्षों से सेवा दे रहे हैं रामेश्वर लाल व्यास , देवराम व्यास, हीरालाल मेनारिया, मदनलाल चौबीसा,का गौ सेवा सम्मान एवं समाजसेवी सुखलाल साहू को गौ गौरव भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया गया ।भक्ति मय प्रस्तुति कृष्ण तनय त्रिपाठी एवं मधुबन की सहभागिता से आत्मविभोर कर दिया। अतिथियों का स्वागत गिरधारी लाल पालीवाल ,नारायण लाल दियावत, शांतिलाल जी व्यास, धनंजय चौबीसा, कन्हैयालाल देशबंधु, भंवरलाल जोशी हिता, गोवर्धन सिंह शक्तावत, भगवती लाल पांडिया ने किया ।