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प्रवासी व स्थानीय पक्षियों की प्रजातियों को देख हुए आनंदित

सीधा सवाल। डूंगला। उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के 11वीं संस्करण के दौरान पक्षी प्रेमियों का दल किशन करेगी ,बड़वाई तालाब पहुंचा । जहा पर ग्रीन अर्थ नेचुरल सोसायटी के सदस्यों ने पक्षी प्रेमियों का स्वागत किया ।
किशन करेरी पक्षियों की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है, इस स्थान पर विभिन्न प्रकार की जैव विविधता देखने को मिलती है । जिसमें यहां की वनस्पति सर्प कीट पतंग और पक्षी महत्वपूर्ण है। यह गांव धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को अपने आप में समेटे हुआ है । यहां प्राचीन काल में कृष्णमूर्ति निकली थी जो वर्तमान में प्रख्यात द्वारिकाधीश मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है । यहां प्राचीन बावड़ी व छतरियां भी है जो हस्तकला का अदभुत नमूना है । यह मूर्ति गांव के पश्चिम दिशा में स्थित प्राचीन तालाब से खुदाई में निकली यह वही तालाब है जिसे पक्षी विहार के नाम से जाना जाता है । यह प्राचीन तालाब हजारों प्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल है । हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके प्रवासी पक्षी प्रतिवर्ष यहां पहुंचते हैं और अपना प्रवास काल बिताते हैं । स्थानीय ग्रामीण युवाओं व ग्रीन अर्थ नेचुरल सोसायटी द्वारा इन जलाशयों को संरक्षित रखा जा रहा है। और निगरानी रखी जाती है।
तालाब पर ग्रेट वाइट पेलिकन, ग्रे लेग गीज, यूरेशियन विजन, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, कॉमन टील, गेडवाल, गॉडविट, ब्राह्मणी डक, ग्रेटर फ्लेमिंगो सहित कई प्रजातियों की जलक्रीड़ाए देखी गई। इस मौके पर राजस्थानी खाने में दाल बाटी चूरमा और मेवाड़ी राब का पर्यटकों ने भरपूर आनंद लिया। पक्षी प्रेमियों के दल को भ्रमण कराने में पक्षी मित्र भैरु पुरोहित, जवान सिंह बाघपुरा, निलेश शर्मा, घनश्याम मेनारिया, जीवन कुमावत, कमलेश मेघवाल, निलेश पुरोहित, भरत शर्मा, बिट्टू गुर्जर, मनोज सालवी सहित कई ग्रामवासी मौजूद थे।