views

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के धाकड़ खेड़ी गांव में हुए एक विवाह समारोह में वर पक्ष ने 5 लाख रुपये की टीके (शगुन) की राशि लौटाकर समाज को नई दिशा दी है। यह प्रेरणादायक घटना चित्तौड़ के पुनावता गांव निवासी महेन्द्र सिंह चुण्डावत और उनके परिवार द्वारा की गई। दूल्हे महेन्द्र सिंह, जो गंगरार के एक सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं, अपने पिता लालसिंह चुण्डावत और रिश्तेदारों के साथ बारात लेकर धाकड़ खेड़ी पहुंचे। वधू पक्ष की ओर से टीके के तौर पर दी गई 5 लाख रुपये की राशि को दूल्हे और उनके परिवार ने ससम्मान लौटा दिया। उन्होंने केवल शगुन के प्रतीक स्वरूप एक नारियल और 1 रुपया स्वीकार किया। महेंद्र सिंह ने इस पहल के पीछे अपनी सोच स्पष्ट करते हुए कहा, "यदि मैं यह राशि स्वीकार कर लेता, तो अपने छात्रों को समाज की कुरीतियों को छोड़ने का पाठ पढ़ाने का नैतिक अधिकार खो देता। एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह समाज को सही दिशा दिखाए, और मैंने वही करने का प्रयास किया है।" विवाह ने गंगरार, पुनावता, धाकड़ खेड़ी और आसपास के गांवों में चर्चा का विषय बना दिया है। लोगों ने दूल्हे और उनके परिवार के इस कदम की सराहना की है। महेंद्र सिंह के मित्र और सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि वे "टीका (शगुन) जैसी सामाजिक कुप्रथा को छोड़ने की शुरुआत घर से" नामक पहल चला रहे हैं। मेवाड़ और मारवाड़ क्षेत्र में इस पहल को लोगों का समर्थन मिल रहा है।