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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। देश में मोदी सरकार बनने के बाद राष्ट्रवाद की भावना निरंतर नई ऊँचाइयाँ छू रही है, और युवा भी इस प्रेरणा से प्रभावित होकर नवाचार की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इसी राष्ट्रवादी भावना का एक अनूठा उदाहरण चित्तौड़गढ़ में देखने को मिला, जहाँ एक अधिवक्ता ने अपने विवाह समारोह में परंपराओं से हटकर महिला संगीत की शुरुआत राष्ट्रगान से की।
चित्तौड़गढ़ के मानपुर क्षेत्र की रहने वाली एडवोकेट रानू कुमावत के विवाह समारोह के तहत 17 फरवरी को महिला संगीत का आयोजन किया गया। आमतौर पर इस कार्यक्रम की शुरुआत फिल्मी गीतों या गणपति वंदना से होती है, लेकिन इस बार एक अनोखी पहल देखने को मिली। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी लोगों ने सामूहिक रूप से भारत का राष्ट्रगान गाकर इस आयोजन की शुरुआत की। गांधीनगर क्षेत्र में आयोजित इस विवाह समारोह में परंपराओं से हटकर की गई यह पहल चर्चा का विषय बन गई है। एक महिला अधिवक्ता द्वारा अपने विवाह समारोह में राष्ट्रगान गाने की यह पहल न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह राष्ट्र के प्रति समर्पण और नवजीवन की शुरुआत से पहले राष्ट्र को वंदन करने की भावना को भी दर्शाती है।