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सीधा सवाल। कपासन। पेंशनर समाज के संरक्षक राम चंद्र गौड़ एवं उपाध्यक्ष प्रभु लाल टेलर, शंभु लाल भट्ट के नेतृत्व मे पेंशनर समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन उपखंड अधिकारी राजेश सुवालका को प्रस्तुत कर केंद्र सरकार से सी.सी.ए.पेंशनर नियम संशोधन विधियेक 2025 को वापस लेने हेतु अनुरोध किया गया।प्रवक्ता कमल कुमार दाधीच ने बताया कि भारत सरकार द्वारा लागू किये जा रहे सी. सी. ए. पेंशन संशोधन विधियेक 2025 पेंशनर के हितों पर कुठाराघात हैं।जिसे वापस लिया जाय तो पेंशनर समाज के हित में होगा। इस दौरान पेंशनर समाज के संरक्षक राम चंद्र गौड़ एवं उपाध्यक्ष प्रभु लाल टेलर, शंभु लाल भट्ट के नेतृत्व मे पेंशनर समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन उपखंड अधिकारी राजेश सुवालका को प्रस्तुत कर केंद्र सरकार से संसद की मंजूरी के लिए वित्त विधियेक पेश करते समय भारत की संचित निधि से पेंशन देनदारियों पर व्यय के लिए केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमो और सिद्धांतों की मान्यता के लिए एक अध्याय शामिल किया हैं।इसके माध्यम से सरकार को पेंशन भोगियों के बीच अंतर स्थापित करने का अधिकार मिल गया हैं।उक्त विधियेक के माध्यम से केंद्र सरकार ने पेंशनर को आठवें वेतन आयोग के लाभ से वंचित करने व पेंशनर को तिथि के आधार पर वर्गों मे विभाजित कर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया हैं।साथ ही डी एस नकारा मामले मे दिनाँक 17 दिसंबर 1982 के सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के एतिहासिक निर्णय को चुनौती दी हैं।इस निर्णय से समस्त पेंशनर समाज मे आक्रोश व्याप्त हैं।ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार से अनुरोध है कि पेंशनर पर कुठाराघात करने वाले विधियेक को वापस लिया जाय। इस अवसर पर लक्ष्मी लाल आचार्य, मदन लाल चाष्टा, प्रेम शंकर जोशी, वैध मुरली मनोहर जोशी, भगवती लाल बाफना, मदन लाल पायक सहित पेंशनर उपस्थित रहे।