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सीधा सवाल। फतेहनगर। नगरपालिका फतेहनगर सनवाड़ के अधिशाषी अधिकारी को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बैंच ने 17 साल पुराने जमीन विवाद को लेकर तलब किया तथा खसरा न.1219 ग्राम सनवाड़ पर किसी भी तरीके का "तृतीय पक्ष अधिकार" बनाने पे नगरपालिका को रोकने का आदेश जारी किया।
अपीलार्थी राजकुमार कोठारी,शिवानी कोठारी एवं मयंक कोठारी की और से अधिवक्ता रवि भंसाली एवं अधिवक्ता कल्पतरु त्रिपाठी ने की पैरवी।
यह था मामला
चित्तौड़गढ़ के अधिवक्ता कल्पतरु त्रिपाठी जो कि अब हाई कोर्ट जोधपुर में कार्यरत है ने बताया कि सन 2008 में अपीलार्थी की जमीन खसरा न 1036 व 1037 ग्राम सनवाड़ में से 13237 स्क्वायर फीट जमीन नगरपालिका द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य के डॉक्टर के क्वार्टर निर्माण के लिए ली गई थी तथा अपीलार्थी को आस्वस्त किया की उनको आबादी भूमि फतेहनगर सनवाड़ रोड पर दी जाएगी।
लेकिन जमीन सरेंडर करने के उपरांत नगरपालिका ने एक रेजोल्यूशन निकाल कर अपीलार्थी को जमीन देने से मना कर दिया।
तत्पश्चात् अपीलार्थी ने अधिवक्ता कल्पतरू त्रिपाठी के माध्यम से हाई कोर्ट में एक रीट पिटीशन न. 3782/2010 दायर की जिसमें हाई कोर्ट की एकल पीठ ने दिनांक 6/11/2023 को नगरपालिका को अपीलार्थी को आबादी जमीन देने का आदेश किया परन्तु उक्त आदेश में जमींन कहा दी जाएगी उसकी लोकेशन का उल्लेख नहीं होने की वजह से अपीलार्थी ने डिवीज़न बेंच में स्पेशल अपील रिट न. 1179/2024 दायर की जिसमे 21 अप्रैल को हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने यह आदेश पारित कर अगली सुनवाई पर नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच पर तलब किया।