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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चेक अनादरण के दो अलग-अलग मामलों में चित्तौड़गढ़ की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संगीता मोगा ने अभियुक्त सद्दीक अहमद को दोषी करार देते हुए प्रत्येक मामले में चार-चार माह के सश्रम कारावास एवं 2.60 लाख की प्रतिकर राशि से दंडित किया है।
परिवादी गोविंद कुमार चावला निवासी गांधीनगर, चित्तौड़गढ़ और अभियुक्त सद्दीक अहमद निवासी भीस्ती खेड़ा, चामटी खेड़ा रोड, चित्तौड़गढ़ के बीच पूर्व में आपसी जान-पहचान थी। अभियुक्त को अपने व्यवसायिक कार्य हेतु धन की आवश्यकता थी, जिसके चलते उसने परिवादी से अलग-अलग समय पर कुल दो लाख नकद उधार लिए। इस राशि की वापसी के लिए अभियुक्त ने इलाहाबाद बैंक, शाखा चित्तौड़गढ़ के दो अलग-अलग चेक, प्रत्येक एक लाख के, परिवादी को दिए। परिवादी द्वारा चेकों को अपने बैंक खाते में भुगतान हेतु प्रस्तुत किया गया, लेकिन अभियुक्त के खाते में राशि अपर्याप्त होने के कारण दोनों चेक अनादरित हो गए। इसके बाद परिवादी ने अपने अधिवक्ताओं एडवोकेट ओम प्रकाश शर्मा, राजेंद्र सिंह चौहान एवं सत्यनारायण माली के माध्यम से अभियुक्त को विधिवत नोटिस भिजवाया, किंतु भुगतान नहीं होने पर परिवाद न्यायालय में दायर किया गया। मामले की विधिवत सुनवाई के बाद न्यायालय ने 16 मई 2025 को निर्णय सुनाते हुए अभियुक्त को धारा 138, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत दोषी पाया और दोनों मामलों में अलग-अलग सजा सुनाई।