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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चंद्रवंशी कहार भोई समाज द्वारा समाज के आराध्य संत शिरोमणि भीमाजी भोई की 175वीं जन्म जयंती बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर चित्तौड़गढ़ जिले के संगम मार्ग स्थित संत भीमाजी भोई सर्किल पर समाज के वरिष्ठजनों के नेतृत्व में पूजा-अर्चना, माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर संत के जीवन और आदर्शों को स्मरण किया गया। समारोह के दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष व घोसुंडा प्रशासक दिनेश भोई ने बताया कि संत भीमाजी भोई न केवल समाज के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं, बल्कि उन्होंने समाज सुधार, धर्म रक्षा और शिक्षा को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि संतों ने हमेशा धर्म की रक्षा के लिए शास्त्र और शस्त्र दोनों का सहारा लिया और सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए रखा।
भीषण गर्मी को देखते हुए कार्यक्रम में समाज के कार्यकर्ताओं द्वारा राहगीरों को शीतल पेय जैसे जीरा शेक और कोल्ड ड्रिंक वितरित किए गए। साथ ही समाज में शिक्षा के प्रचार-प्रसार और कुरीतियों को समाप्त कर सामाजिक विकास के लिए एकजुटता का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ जन कालूलाल भोई, श्यामलाल भोई, शंकरलाल भोई, नारायण भोई, मांगू भोई (गिलुंड), पूर्व सरपंच हेमराज भोई सहित युवा संस्थान के अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रमुख उपस्थित लोगों में रतनलाल घोसुंडा, बालकिशन भोई, रतन भोई, भेरूलाल भोई, भगवान भोई, शंभुलाल भोई, तेजपाल भोई, बबलु भोई, शिवलाल भोई, रामलाल भोई, मुकेश भोई, किशन भोई, हीरालाल भोई, मुरली भोई, दीपक भोई व जगदीश भोई आदि शामिल थे।