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रासबिहारी घोष की 139वीं जयंती पर श्रद्धांजलि, संत दिग्विजय राम जी ने दिया विश्व शांति का संदेश

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ के संत श्री रमता राम जी महाराज एवं उनके शिष्य अंतरराष्ट्रीय कथावाचक संत श्री दिग्विजय राम जी के नेतृत्व में 84 सदस्यीय संतों का दल जापान की आध्यात्मिक यात्रा पर टोक्यो पहुंचा। टोक्यो पहुंचने पर जापान में भारत के राजदूत सी.बी. जॉर्ज ने दल का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया।
सी.बी. जॉर्ज 1993 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हैं और वर्तमान में जापान में भारत के राजदूत के रूप में कार्यरत हैं। संतों के स्वागत के साथ-साथ उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता सेनानी श्री रासबिहारी घोष की 139वीं जयंती पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में भाग लिया। श्री घोष का जन्म 25 मई 1886 को हुआ था और उन्होंने जापान में भारत की पहचान स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी।
इस अवसर पर संत श्री दिग्विजय राम जी महाराज ने रासबिहारी घोष स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “भारत की धरती से हम सदा शांति और भाईचारे का संदेश देते हैं। हमारा सनातन धर्म विश्व को जोड़ने का काम करता है, और हम यही कामना करते हैं कि पूरा विश्व सौहार्द और प्रेम के साथ आगे बढ़े।”
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में टोक्यो में रह रहे कई भारतीय प्रवासी भी मौजूद रहे। इनमें प्रमुख रूप से मनीष अग्रवाल, अर्पित चोरडिया, रोहन अग्रवाल और अजय नरोला शामिल थे। समारोह में भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की झलक देखने को मिली, जिसने वहां मौजूद सभी भारतीयों को गौरव से भर दिया।